14 अप्रैल को डॉ. आंबेडकर की 130वीं जयंती, जानिए उनके प्रेरणादायक विचारों को
नई दिल्ली, 13 अप्रैल। भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर एक विचारधारा का नाम है, जिन्होंने अपना सारा जीवन दलित, पिछड़े और शोषित लोगों के उत्थान में लगा दिया। उन्होंने संविधान निर्माण के साथ-साथ भारतीयों में आधुनिक सोच की नींव भी डाली। कहते हैं उनके विचारों में वो खिंचाव था।
आपको बता दें कि भारत के संविधान निर्माता, चिंतक, समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। भीमराव रामजी अंबेडकर को बाबा साहेब के नाम से भी पहचाना जाना जाता है, वो भारतीय राजनीतिज्ञ, न्यायविद और अर्थशास्त्री थे। बाबा साहेब ने हिंदू जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी और छुआछूत के खिलाफ भेदभाव का विरोध किया।
बाबा
साहब
भीमराव
अंबेडकर
के
प्रेरणादायक
विचार,
जो
इंसानों
में
करते
हैं
ऊर्जा
का
संचार
-
शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो।
-
जिंदगी लंबी होने की बजाय महान होनी चाहिए।
-
धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए।
-
बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
-
वो लोग कभी इतिहास नहीं बना सकते, जो इतिहास को भूल जाते हैं।
-
मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए।
-
उदासीनता सबसे खराब तरह की बीमारी है, जो लोगों को प्रभावित कर सकती है।
-
अगर मुझे लगता है कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं सबसे पहले इसे जलाऊंगा।
-
इतिहास बताता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है, वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है।
31 मार्च का है डॉ भीमराव अंबेडकर से ऐतिहासिक संबंध, जानिए क्या हुआ था खास