हिमाचल प्रदेश: टीम अमित शाह के मैदान में उतरते ही कांग्रेस में छाया निराशा का माहौल
हिमाचल प्रदेश में जून माह से शुरू होने वाली चुनावी अभियान में भाजपा पूरी आक्रामकता लाने जा रही है जिसके तहत चंबा से लेकर कुल्लू तक जिला से लेकर बूथ स्तर तक कार्यक्रम तय किये गये हैं।
शिमला। हिमाचल की सत्ता पर काबिज होने के लिये भारतीय जनता पार्टी कितनी अहमियत दे रही है इसका अंदाजा इसी बात से चल जाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शिमला और अमित शाह के पालमपुर दौरे के बाद भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने एकाएक हिमाचल में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। जून माह से शुरू होने वाली चुनावी अभियान में भाजपा पूरी आक्रामकता लाने जा रही है जिसके तहत चंबा से लेकर कुल्लू तक जिला से लेकर बूथ स्तर तक कार्यक्रम तय किये गये हैं। वहीं परिवर्तन यात्रा की शुरूआत के लिये राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक फिर हिमाचल आयेंगे।
कांग्रेस अभी भी गुटबाजी में व्यस्त
एक तरफ भाजपा जहां पुरजोर तरीके से चुनावी तैयारियों में जुटी है वहीं सत्तारुढ़ कांग्रेस में अभी भी गुटबाजी में व्यस्त है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह के बीच संगठन में वर्चस्व की लड़ाई जगजाहिर हो चुकी है। वहीं वीरभद्र सिंह पर चल रहे अदालती मामलों में लटकी गिरफतारी की तलवार की वजह से कांग्रेसी खेमें में निराशा का महौल है। जिससे आम कार्यकर्ता भी हताश है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हताशा एक और कारण है और वह टीम अमित शाह के आक्रामक तरीके से चुनावी प्रचार में उतरना।
मैदान में उतरी अमित शाह की टीम
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद प्रदेश संगठन को पहले ही सक्रिय कर चुके हैं और प्रदेश के नेताओं को साफ कर चुके हैं कि कोई गुटबाजी नहीं चलेगी। यही वजह है कि धूमल, शांता और नड्डा गुटों में बंटी भाजपा इन दिनों एकजुट दिखाई दे रही है। टीम शाह कोई भी जोखिम लेने को तैयार नहीं है। लिहाजा प्रदेश प्रभारी के तौर पर मंगल पांडे की तैनाती के बाद राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) के दौरे तय किए गए। निर्धारित कार्यक्रम के तहत केन्द्रीय मंत्रियों के जिम्मे मोदी सरकार के सुशासन की छवि को प्रचारित करने की है। जून से केन्द्रीय नेता हिमाचल में डेरा डालेंगे। मोदी-शाह के दौरे के बाद केंद्रीय नेता लगातार हिमाचल का रूख कर रहे हैं। प्रदेश के कद्दावर नेता और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा लगातार प्रदेश में अपनी मौजूदगी से कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर 26 मई को शिमला में थे। अब गृहमंत्री राजनाथ सिंह 4 जून और भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी 11 जून को प्रदेश का दौरा करने जा रहे हैं। साथ ही केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और राधा मोहन सिंह के प्रोग्राम भी मांगे गए हैं। परिवर्तन रथ यात्रा शुरू करने की तैयारी चल रही है, जिसकी लांचिंग में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहुंच सकते हैं।
अकेले ही दौरा कर रहे है वीरभद्र सिंह
केन्द्रीय मंत्रियों के एजेंडे में मोदी सरकार की उपलब्धियों से वोट बैंक को जोडऩा है। प्रदेश प्रभारी मंगल पांडे तीन दिन का प्रवास कर चुके हैं। प्रचार अभियानों के स्वरूप तय करने पांडे दिल्ली गए हैं। उनकी वापसी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल के साथ होगी। रामलाल का एक माह में यह दूसरा दौरा है। केंद्रीय संगठन के साथ केंद्र सरकार के सक्रिय होना कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ा सकता है। भाजपा की केंद्रीय लीडरशिप के मुकाबले में कांग्रेस आलाकमान प्रचार के फ्रंट पर पिछड़ती दिख रही है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के इर्दगिर्द पार्टी प्रचार में जुटी है। मोदी और शाह के दौरों के बाद भी अब तक राहुल गांधी की टीम से कोई नेता प्रदेश में नहीं आया। सीएम वीरभद्र सिंह अकेले ही प्रदेश भर का दौरा कर चुनावी माहौल गर्माने में जुटे हैं, जबकि केंद्रीय नेता दिल्ली से ही हिमाचल के समीकरण साध रहे हैं। प्रदेश संगठन भी सरकार से अलग थलग दिख रहा है। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी के पद छोड़ने की इच्छा जताने को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं, लेकिन उनके बदले जाने पर भी फिलहाल कोई निर्णय नहीं हो सका है। संगठन के लिहाज से केवल आंतरिक चुनाव की ही हलचल है, जिसका विधानसभा चुनाव प्रचार से किसी तरह का सीधा संबंध नहीं है।
पार्टी स्तर से नहीं जारी हुआ किसी नेता का कार्यक्रम
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू कुछ दिन पहले यह कह चुके हैं कि जून में संगठनात्मक जनपद में होने वाले बूथ स्तर कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं, जिसमें केंद्रीय नेता पहुंचेंगे। हालांकि, अभी किसी का कार्यक्रम पार्टी स्तर से जारी नहीं हुआ है। वहीं सीएम वीरभद्र सिंह का कहना है कि बतौर सीएम मेरी भूमिका अधिक है, लेकिन प्रचार के मोर्चे पर पार्टी नहीं पिछड़ रही। रणनीति के तहत मंत्री विधायक अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में डटे हुए हैं। कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के जल्द चुनावी दौरे हिमाचल में होंगे।