चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर पहाड़ से गिरी विशाल चट्टान, दोनों ओर बीच रास्ते अटके वाहन
मनाली। हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर नेहरू कुंड के पास भी भूस्खलन हुआ है, जिसमें पहाड़ से विशाल चट्टान गिरी और सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। सड़क के दोनों ओर वाहन फंसे रह गए। सूचना मिलने पर प्रशासन व सड़क प्रबंधन की टीमें रास्ता बहाल करने में जुटीं। एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि, नेशनल हाईवे बंद होने से मनाली और लाहौल के बीच वाहनों की आवा-जाही प्रभावित हुई। जिसे बहाल करने के लिए मशीनें लगाई गई हैं और मजदूर भी काम कर रहे हैं।
कार सवार यात्रियों ने बताया कि, नेशनल हाईवे अवरुद्ध होने के कारण उसके दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं और कुछ वाहन देर रात से सड़क के दोनों ओर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि, हमारे लिए यह बहुत मुसीबत भरा वक्त है कि चंडीगढ़-मनाली लेह मार्ग मनाली के समीप बड़ी-बड़ी चट्टान गिर जाने से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। वहीं, रास्ता साफ करने में लगे कर्मचारी ने बताया कि, बुधवार रात को बारिश होने के कारण यहां सड़क पर पहाड़ से चट्टानें गिरीं और सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। अब तक मार्ग काफी साफ किया जा चुका है।
राजधानी
शिमला
के
पास
भी
हुआ
था
भूस्खलन
इससे
पहले
हिमाचल
में
राजधानी
शिमला
के
मेहली-शोघी
बाईपास
रोड
पर
भूस्खलन
हुआ।
भूस्खलन
के
कारण
प्रशासन
ने
रोड
को
वाहनों
की
आवाजाही
के
लिए
बंद
कर
दिया।
राज्य
आपदा
प्रबंधन
प्राधिकरण
की
ओर
से
बताया
गया
कि,
इस
बार
भारी
बारिश
के
कारण
ही
लगभग
22
लिंक
सड़कें
और
3
राष्ट्रीय
राजमार्ग
अवरुद्ध
हो
गए
हैं।
आंकड़ों
के
अनुसार,
राज्य
में
भूस्खलन
की
अब
तक
एक
दर्जन
से
ज्यादा
घटनाएं
हो
चुकी
हैं।
हिमाचल में राजधानी शिमला के पास फिर भूस्खलन, पहाड़ ढहने से राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित, वाहन फंसे
वहीं, ज्योरी इलाके के पास भी पहाड़ ढहने से नेशनल हाईवे-5 बाधित हो गया था। तब भूस्खलन के कारण सड़क पूरी तरह खराब हो गई और वहां पहाड़ी का मलबा जमा हो गया। टूटे पहाड़ की बड़ी-बड़ी शिलाएं तेज आवाज के साथ नीचे गिरीं। पता चलने पर प्रशासन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए एसडीएम रामपुर और एक पुलिस-जाब्ते को मौके पर भेजा। सूचना मिलने पर उच्चाधिकारी भी रवाना हो गए।
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