Himachal Assembly Election 2017: जब हिमाचल प्रदेश में 8 विधानसभाओं पर जीते 16 विधायक
शिमला। आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश में पहली दफा 28 विधानसभाा क्षेत्रों के लिए हुए चुनावों में 36 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। प्रदेश में आठ विधानसभा क्षेत्र ऐसे थे, जहां से दो-दो विधायकों को नेतृत्व करने का मौका मिला था। हिमाचल के इतिहास पर अगर नजर दौड़ाई जाए तो वर्ष 1951 में पहली बार प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव हुए थे। इस दौरान प्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों का गठन किया गया था, जिनमें से 20 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक पद के लिए चुनाव हुआ था, जबकि सोलन, ठियेाग, रामपुर, चच्योट, संधोल, चुराह, पच्छाद व रेणुका आठ ऐसे विधानसभा क्षेत्र थे, जहां दो-दो पदों के लिए मतदान हुआ था।
इस
चुनाव
में
आल
इंडिया
भारतीय
जनसंघ,
अखिल
भारतीय
हिंदू
महासभा,
कांग्रेस,
किसान-मजदूर,
प्रजा
पार्टी,
आल
इंडिया
शेड्यूल
कास्ट
फेडरेशन
व
सोशलिस्ट
पार्टी
सहित
135
आजाद
उम्मीदवारों
ने
चुनावी
दंगल
में
उतरकर
अपना
भाग्य
आजमाया
था।
इस
चुनाव
में
531018
मतदाताओं
में
से
179515
वोटरों
ने
अपने
मतदान
का
इस्तेमाल
किया
था।
प्रदेश
में
पहली
दफा
हुए
इन
चुनावों
में
सबसे
अधिक
24
सीटें
जीतकर
कांग्रेस
अपनी
सरकार
बनाने
में
कामयाब
रही
थी,
जबकि
आजाद
आठ
सीटें
लेकर
दूसरे
स्थान
पर
रहे
थे।
इसके अलावा केएमपीपी को तीन व एससीएफ को मात्र एक सीट प्राप्त हुई थी, जबकि एचएमएस, एसपी व भारतीय जनसंघ को एक भी सीट प्राप्त नहीं हुई थी। प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका था, जब 28 विधानसभा क्षेत्रों का 36 विधायकों ने नेतृत्व किया था। हालांकि अगले चुनाव में यह व्यवस्था बदल दी गई थी और बाद में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से मात्र एक-एक विधायक ही सत्ता में पहुंचे थे।