SIT को जांच के लिए मिला और 10 दिन का समय, आज देनी थी हाथरस कांड की रिपोर्ट
हाथरस। चर्चित हाथरस कांड की जांच के लिए गठित की गई स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) को शासन ने 10 दिन का समय और दिया है। दरअसल, 30 सितंबर को प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन किया था और इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट सात दिन के अंदर मांगी थी। जिसकी मियाद आज पूरी हो रही है। हालांकि, एसआईटी ने अपनी जांच के लिए शासन से 10 दिनों का समय मांगा था, जिसे उत्तर प्रदेश सराकर ने मंजूरी दे दी है।
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100
से
ज्यादा
लोगों
के
बयान
किए
कलमबंद
बता
दें
कि,
इससे
पहले
ऐसी
खबर
आ
रही
थी
कि
एसआईटी
अपनी
जांच
रिपोर्ट
शासन
को
आज
सौंप
सकती
है।
रिपोर्ट
सौंपने
से
पहले
एसआईटी
की
टीम
मंगलवार
पांचवी
बार
पीड़िता
के
गांव
पहुंची
और
परिवार
के
लोगों
से
मुलाकरत
की
थी।
साथ
ही
टीम
के
सदस्यों
ने
घटनास्थल
के
साथ
उस
स्थान
का
फिर
से
मुआयना
किया,
जहां
पीड़िता
के
शव
को
अंतिम
संस्कार
किया
गया
था।
एसआईटी
ने
अपनी
जांच
पड़ताल
के
दौरान
100
से
अधिक
लोगों
के
बयान
कलमबंद
किए
हैं।
इसमें
पीड़िता
के
परिवार
के
अलावा
अभियुक्तों,
पुलिस
और
प्रशासन
के
अधिकारियों
के
बयान
भी
शामिल
हैं।
साथ
ही
अब
एसआईटी
इस
बात
की
भी
जांच
कर
रही
है
कि
हाथरस
कांड
में
पीएफआई
ने
कैसे
अफवाहों
को
बल
दिया
और
कानून-व्यवस्था
बिगाड़ने
की
साजिश
रची।
वहीं,
इस
रिपोर्ट्स
में
कुछ
और
अधिकारियों
के
खिलाफ
भी
कार्रवाई
की
सिफारिश
की
जा
सकती
है।
प्रारंभिक
जांच
पर
हो
चुकी
है
कार्रवाई
एसआईटी
ने
अपनी
प्रारंभिक
रिपोर्ट
दो
दिन
बाद
ही
दे
दी
थी,
जिसके
आधार
पर
हाथरस
के
एसपी
और
पुलिस
उपाधीक्षक
समेत
पांच
पुलिस
कर्मियों
को
निलंबित
किया
जा
चुका
है।
इसके
अलावा
पूरे
मामले
की
जांच
सीबीआई
से
कराने
की
सिफारिश
भी
की
जा
चुकी
है।
इस
पूरे
मामले
में
हाईकोर्ट
और
सुप्रीम
कोर्ट
में
अलग
सुनवाई
शुरू
हो
गई
है।
14
सितंबर
को
हुई
थी
वारदात
हाथरस
के
चंदपा
इलाके
के
बूलगढ़ी
गांव
में
14
सितंबर
को
एक
दलित
युवती
के
साथ
कथित
गैंगरेप
की
वारदात
हुई
थी।
इसमें
गांव
के
ही
चार
युवकों
पर
रेप
का
आरोप
लगा
थी,
जिन्हें
पुलिस
ने
गिरफ्तार
कर
जेल
भेज
दिया
है।
इलाज
के
दौरान
पीड़िता
की
29
सितंबर
को
दिल्ली
के
सफदरजंग
अस्पताल
में
मौत
हो
गई
थी।
इस
घटना
के
बाद
हाथरस
में
तनावपूर्ण
हालात
बन
गए
थे,
जिसके
बाद
सीएम
योगी
ने
पूरे
कांड
की
जांच
सीबीआई
से
कराने
की
सिफारिश
की
थी।