मंत्री की बेटी और डिप्टी स्पीकर को IAS प्रमोट कर रही थी हरियाणा सरकार, CAT ने लगाई रोक
चंडीगढ़। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने करारा झटका दिया है। CAT की ओर से विभागीय अधिकारियों के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की रैंक में प्रमोशन पर रोक लगा दी गई है। इसकी प्रक्रिया हरियाणा सरकार की ओर से चल रही थी। राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों के 18 आवेदनों के आधार पर पांच अधिकारियों का नाम IAS बनाने के लिए चुना था और इनके नाम IAS के लिए पैनल में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को भेजा भी जा चुका है। CAT में हरियाणा सरकार की इस प्रक्रिया को चुनौती दी गई और इसके परिणाम स्वरूप प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई। CAT ने हरियाणा सरकार से 22 दिसंबर को जवाब मांगा है। हरियाणा सरकार ने बढ़िया काम के आधार पर अधिकारियों को IAS नामित करने की प्रक्रिया बीते साल शुरू की थी।
पिछले साल जिन अधिकारियों के नाम UPSC की पैनल को भेजे गए थे, उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) पूरी नहीं थी, जिसके चलते नाम वापस कर दिए गए। इस साल फिर पैनल तैयार किया गया। इसमें हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा की बेटी आशा शर्मा, विधान सभा के डिप्टी स्पीकर के भाई लाजपत राय, राज्यपाल कार्यलाय में तैनात डॉक्टर राकेश तलवार और स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर प्रवीण सेठी (दंत चिकित्सा) और जिला टाउन प्लानर (DTP) बिजेंद्र राणा का नाम शामिल है।
बीते साल हरियाणा सरकार की ओर से जो नाम भेजे गए थे उसमें आशा शर्मा, डा. राकेश तलवार,रामेश्वर मेहरा ,सोनिया त्रिखा खुल्लर और गुरमीत कौर के नाम शामिल थे। इस साल भेजे गए पैनल में राकेश तलवार और आशा शर्मा का नाम दोबारा दिया गया था।
यह फैसला सुरेन्द्र सिंह दहिया की एक याचिका के बाद आया है, जो पद के लिए 16 आवेदकों में से एक है। वह कृषि विभाग में अतिरिक्त निदेशक हैं। गैर-एचसीएस कोटा से आईएएस अधिकारी के लिए केवल एक जगह खाली है। न्यायमूर्ति एमएस सुल्लर और न्यायमूर्ति पी गोपीनाथ के समक्ष कैट बेंच ने हरियाणा, यूपीएससी और डॉ आशा शर्मा को 20 दिसंबर को प्रस्ताव का नोटिस जारी किया।