करनाल में शिफ़्ट हुआ किसान आंदोलन का केंद्र, लम्बा खिंच सकता है किसानों पर लाठीचार्ज मामला
कृषि कानून का विरोध कर रहे किसान आंदोलन अभी ख़त्म भी नहीं हुआ कि करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज का मामंला तूल पकड़ने लगा है।
चंडीगढ़:
सितंबर
9
2021।
कृषि
कानून
का
विरोध
कर
रहे
किसान
आंदोलन
अभी
ख़त्म
भी
नहीं
हुआ
कि
करनाल
में
किसानों
पर
हुए
लाठीचार्ज
का
मामला
तूल
पकड़ने
लगा
है।
सिंधु
बॉर्डर
की
तरह
किसानों
का
केंद्र
करनाल
में
शिफ्ट
हो
गया
है।
प्रशासन
के
खिलाफ़
नारेबाज़ी
कर
किसान
अपनी
मांगों
को
पूरा
करने
के
लिए
आंदोलन
कर
रहे
हैं।
इसी
कड़ी
में
किसान
नेता
निर्मल
सिंह
सिद्धू
ने
वन
इंडिया
हिंदी
से
बात
की
उन्होंने
बताया
की
करीब
साढे
तीन
घंटे
की
मीटिंग
हुई
लेकिन
इसका
कुछ
भी
हल
नहीं
निकला।
सरकार
के
साथ
वार्ता
विफल
करनाल
में
किसान
नेताओं
और
पुलिस-प्रशासनिक
अफसरों
के
बीच
क़रीब
दो
दौर
में
साढे
तीन
घंटे
बातचीत
हुई
लेकिन
इसका
कोई
नतीजा
नहीं
निकला।
निर्मल
सिंह
सिद्धू
ने
बताया
कि
प्रशासन
की
तरफ़
से
दोपहर
2
बजे
बातचीत
के
लिए
बुलाया
गया
था।
न्यौता
मिलने
के
बाद
राकेश
टिकैत,
गुरनाम
चढूनी,
योगेंद्र
यादव
और
सुरेश
कौथ
समेत
15
किसान
नेता
प्रशासन
से
बातचीत
के
लिए
पहुंचे
थे।
पंजाब में BJP ने तीन केन्द्रीय मंत्री और एक सांसद को सौंपी चुनाव की कमान, यह है मास्टर प्लान
'किसानों
की
जायज़
मांगें
पूरी
होंगी'
हरियाणा
के
गृह
मंत्री
अनिल
विज
ने
कहा
है
कि
किसान
करनाल
में
आंदोलन
कर
रहे
हैं
यह
उनका
प्रजातांत्रिक
अधिकार
है
और
हमारे
अधिकारी
उनके
साथ
लगातार
बातचीत
कर
रहे
हैं।
बातचीत
करना
किसी
भी
प्रजातंत्र
का
अभिन्न
अंग
होता
है।
वहीं
उन्होंने
कहा
कि
किसानों
की
जो
जायज़
मांगे
होंगी
वही
मानी
जाएंगी।
किसी
के
कहने
से
किसी
को
फांसी
पर
नहीं
चढ़ाया
जा
सकता।
अनिल
विज
ने
कहा
कि
देश
का
संविधान
अलग
और
किसानों
का
संविधान
अलग
नहीं
हो
सकता।
हरियाणा
के
गृहमंत्री
अनिल
विज
ने
कहा
कि
सज़ा
जुर्म
के
ऐतबार
से
दी
जाती
है।
जुर्म
पता
करने
के
लिए
जांच
बैठानी
पड़ती
है।
हम
करनाल
लाठीचार्ज
मामले
की
निष्पक्ष
जांच
कराने
के
लिए
तैयार
हैं।
सारे
करनाल
एपिसोड
की
जांच
कराई
जाएगी।
जांच
में
अगर
किसान
और
उनके
नेता
दोषी
होंगे
तो
उनके
खिलाफ
भी
कार्रवाई
कार्रवाई
की
जाएगी।
Recommended Video
पंजाब: रोडवेज़ कर्मियों की हड़ताल जारी, नोटिस जारी होने के बावजूद काम पर नहीं लौटे कर्मचारी
इंटरनेट
सेवाएं
बंद
हरियाणा
के
करनाल
जिले
में
जुटे
किसान
प्रदर्शनकारियों
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
राज्य
सरकार
ने
भारी
तादाद
में
पुलिस-फोर्स
तैनात
की
हुई
है।
जगह
जगह
निगरानी
रखी
जा
रही
है।
इसी
के
साथ
मोबाइल
इंटरनेट
और
एसएमएस
सेवाओं
को
भी
सस्पेंड
कर
दिया
गया
है।
इस
बारे
में
जनसंपर्क
एवं
सूचना
विभाग
ने
जानकारी
दी।
विभाग
के
अनुसार,
करनाल
में
किसानों
के
आंदोलन
के
मद्देनजर,
"गलत
सूचनाओं
के
प्रसार
को
रोकने
के
लिए"
मोबाइल
इंटरनेट
और
SMS
सेवाएं
बाधित
कर
दी
गई
हैं,
जिसे
आज
रात
11:59
बजे
तक
प्रभावी
रहने
का
आदेश
दिया
गया
है।
लघु
सचिवालय
के
सामने
प्रदर्शन
आपको
बता
दें
कि
करनाल
में
किसान
लघु
सचिवालय
के
सामने
पिछले
48
घंटों
से
भी
ज्यादा
समय
से
धरने
पर
बैठे
हैं।
किसानों
की
मांग
है
कि
किसानों
पर
लाठी
चार्ज
का
आदेश
देने
वाले
SDM
आयुष
सिन्हा
को
तत्काल
सस्पेंड
किया
और
उनपर
हत्या
की
धाराएं
लगाई
जाए,
क्योंकि
लाठी
चार्ज
में
किसान
सुशील
काजल
की
मौत
हुई
है।
वहीं
मृतक
सुशील
काजल
के
परिजनों
को
25
लाख
रुपये
की
आर्थिक
सहायता
देने
के
साथ
शहीद
का
दर्जा
देने
की
मांग
कर
रहे
हैं।
साथ
ही
किसानों
की
मांग
है
कि
लाठीचार्ज
में
घायल
हुए
किसानों
को
2-2
लाख
रुपये
का
मुआवजा
दिया
जाए।
ये भी पढ़ें: पंजाब: SAD से गठबंधन टूटने के बाद BJP का हिंदू आबादी वाली सीटों पर फ़ोकस, पढ़िए इनसाइड स्टोरी