गुजरात न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

एक महीने बाद भी सुप्रिया तिवारी की रहस्यमय मौत से नहीं उठ सका है पर्दा, रेलवे ट्रैक पर मिली थी लाश

Google Oneindia News

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र की रहने वाली सुप्रिया तिवारी की रहस्यमय मौत एक महीने के बाद भी रहस्य बनी हुई है। दरअसल, 22 साल की सुप्रिया तिवारी का शव पिछले महीने के शुरुआत में गुजरात के गोधरा और दाहोद के बीच लिमी खेड़ा में रेलवे ओवर ब्रिज के पास मिला था। सुप्रिया 2 मार्च को शाम 6:30 बजे अहमदाबाद के कालूपुर रेलवे स्टेशन से भोपाल अपने घर जाने के लिए रवाना हुई थी। रास्ते में सुप्रिया वॉशरूम गई और बस उसके बाद से वो नहीं लौटी। फिर तीन दिन के बाद सुप्रिया का शव बरामद हुआ।

Supriya Tiwari

एक महीने के बाद भी सुप्रिया की मौत की वजह का नहीं

तब से लेकर अभी तक जांच में जुटी पुलिस के हाथ एकदम खाली हैं। इस मामले में सुप्रिया को इंसाफ मिलने की आस लगाकर बैठे परिवार के लोग भी पुलिस के आश्वासन को सुन-सुनकर थक चुके हैं। परिवार के लोगों का कहना है कि सुप्रिया की हत्या की गई है और पुलिस आरोपियों को ढूंढने में नाकाम साबित हो रही है। साथ ही इस मामले को दबाने का काम भी कर रही है। सुप्रिया के परिजनों ने अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए विधायक, सांसद और यहां तक की गृहमंत्री अमित शाह तक के पास गुहार लगाई है, लेकिन नतीजा एकदम जीरो है। एक महीने के बाद भी पुलिस सिर्फ और सिर्फ जांच, जांच और जांच की ही बात कर रही है।

पुलिस ने केस को सुसाइड की थ्योरी से भी जोड़ दिया

पुलिस की नाकामी के खिलाफ सुप्रिया के परिजन अब आवाज उठा रहे हैं। सुप्रिया के दोस्त और रिश्तेदार सोशल मीडिया पर एक मुहिम चलाकर इस मामले में पुलिस की नाकामी को सभी के सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही सड़कों पर कहीं कैंडल मार्च निकाला जा रहा है तो कहीं डीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने यहां तक कहा है कि सुप्रिया की हत्या नहीं बल्कि उसने आत्महत्या की थी, लेकिन परिजन सुसाइड की बात को एकदम खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस इस केस को दबाने के लिए ऐसा कर रही है।

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि सुप्रिया तिवारी भोपाल में पीएससी की तैयारी कर रही थी, लेकिन कुछ दिनों के लिए वो गुजरात के कच्छ में रह रहे अपने दीदी-जीजा के घर गई थी। 2 मार्च को सुप्रिया पहले बस के जरिए सफर तय करके अहमदाबाद पहुंचीं, जहां से उसे भोपाल के लिए ट्रेन लेनी थी। सुप्रिया ने भोपाल आने के लिए सोमनाथ एक्सप्रेस में एसी3 टियर का टिकट लिया था। सुप्रिया की बहन का कहना है कि उनकी अपनी बहन से 2 मार्च को शाम 7 बजे फोन पर बात हुई थी। इसके बाद उन्होंने रात 10 बजे जब सुप्रिया को फोन किया तो नंबर बिजी जा रहा था। इसके बाद उन्हें ट्रेन के किसी स्टाफ या किसी अन्य यात्री का फोन आया कि सुप्रिया अपने बर्थ से लापता है। उस शख्स ने बताया कि सुप्रिया वाशरूम गई थी, काफी समय हो गया, लेकिन वो लौटी नहीं।

सुप्रिया के बहन का कहना है कि इसके बाद वो लगातार पुलिस और रेलवे हेल्पलाइन पर संपर्क करने लगी। इतना ही नहीं उसके दोस्तों से भी बातचीत करके जानकारी जुटाने लगी, लेकिन कहीं से कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद सुप्रिया के बहन-जीजा उसकी तलाश में कच्छ से निकल पड़े। उन्होंने सबसे पहले अहमदाबाद आकर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद उन्होंने जीआरपीएफ और आरपीएफ को भी सूचित किया और लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। सुप्रिया की बहन को रेलवे अधिकारियों से पता चला कि आशंका है कि वो दाहोद या गोधरा से लापता हुई हैं। इस आधार पर उसके बहन जीजा दाहोद के लिए निकल पड़े, लेकिन इस बीच वो लगातार पुलिस और रेलवे सुरक्षा अधिकारियों से संपर्क कर रहे थे। सुप्रिया के बहन का कहना है कि पूरे मामले में उन्हें जीआरपीएफ की लापरवाही भी दिखी। रेलवे के सुरक्षा अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि ट्रेन अहमदाबाद के बाद किसी भी स्टेशन पर नहीं रूकी थी, लेकिन बाद में रेलवे के अन्य कर्मियों से ही पता चला कि ट्रेन दो बार रूकी थी, हैरानी कि बात है कि जिन दो जगहों पर ट्रेन रूकी थी, वहां पर ट्रेन का स्टॉपेज नहीं था और हैरानी वाली बात ये है कि इनमें से एक स्टॉपेज वही था, जहां सुप्रिया का शव मिला था।

सुप्रिया के परिवार का कहना है कि स्थानीय पुलिस को 3 मार्च को ही शव मिल चुका था, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें या रेलवे से संपर्क करना जरूरी नहीं समझा, जबकि उसका शव रेलवे के क्षेत्राधिकार में था, और वो लोग सुप्रिया की तस्वीर सभी जगह सर्कुलेट करवा चुके थे।

सुप्रिया के परिजन इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। वो विधायक और राज्यपाल के नाम डीएम को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, लेकिन घटना के लगभग 1 महीने बाद भी मामले में कोई तत्परता नहीं दिखाई गई है। इस मामले में पुलिस या रेलवे की तरफ से कोई कार्रवाई या गिरफ्तारी नहीं की गई है।

ये भी पढ़ें: बागपत: मां ने की अपने दो मासूम बच्‍चों की गला घोंटकर हत्‍या, शवों के पास गुजारी पूरी रातये भी पढ़ें: बागपत: मां ने की अपने दो मासूम बच्‍चों की गला घोंटकर हत्‍या, शवों के पास गुजारी पूरी रात

English summary
Supriya Tiwari Death case: after one month police could not found reason of death
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X