सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने 50 लाख से ज्यादा पर्यटक आए, अब रोज 1 लाख का लक्ष्य
अहमदाबाद। दुनिया की सबसे उूंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को बीते ढाई साल में 50 लाख से ज्यादा पर्यटक देखने पहुंचे। गुजरात में नर्मदा के तट पर केवडिया नामक स्थान पर इस प्रतिमा का अक्टूबर 2018 में लोकार्पण हुआ था। लोकापर्ण के बाद से ही यहां हर दिन देश-विदेश से 10 से 15 हजार पर्यटक पहुंच रहे थे। दिवाली-नवरात्रि के सीजन में तो हर रोज पर्यटकों की संख्या 20 से 30 हजार प्रतिदिन हो गई। हालांकि, पिछले साल फरवरी महीने से 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को पर्यटकों के लिए बंद करना पड़ा। यह रोक सफाई कार्य और कोरोना के चलते लगी। उसके बाद 2020 की दिवाली के आस-पास यहां फिर से लोग इसके दीदार करने पहुंचने लगे।
रोज 1 लाख पर्यटकों के पहुंचने का लक्ष्य रखा
इसी साल भारतीय रेलवे द्वारा केवडिया को देश के कई प्रमुख शहरों से रेल-नेटवर्क के जरिए जोड़ दिया गया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवडिया रेलवे स्टेशन से कई राज्यों के रेलवे स्टेशनों तक 8 रेलों को हरी झंडी दिखाई। एक ट्रेन अहमदाबाद कालूपुर रेलवे स्टेशन से भी केवडिया कॉलोनी तक चलाई गई। यहां जन-शताब्दी एक्सप्रेस के फेरे भी शुरू हो गए। जिसके चलते पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। अब सरदार पटेल ट्रस्ट द्वारा यहां हर दिन 1 लाख पर्यटकों के पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
नई परियोजनाओं के उद्घाटन से दर्शक बहुत बढ़े
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' से जुड़ी 17 परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। जिनमें जंगल सफारी पार्क, कैरेक्टर गार्डन, चिल्ड्रेन गार्डन सहित कई नई परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ। जिसके चलते पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई। राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का कहना है कि, पिछले साल कोरोना महामारी से पहले, 55 लाख से अधिक यात्रियों ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया था। ये आँकड़े साबित करते हैं कि वहाँ उपलब्ध विभिन्न सुविधाएँ, पर्यटन स्थल यात्रियों को आकर्षित कर रहे हैं।
टिकट के लिए कितने खर्च करने पड़ेंगे?
सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट के एक अधिकारी ने कहा कि, इस प्रतिमा को देखने के लिए टिकट बुकिंग ऑनलाइन की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सोमवार के दिन बंद रहा करेगी। प्रतिमा खुलने का समय सुबह 9 बजे और बंद होने का शाम 5 बजे रखा गया है।
लोग https://statueofunity.in/ की वेबसाइट http://sardarpatelstatue.in/book-now-2/ पर जाकर टिकट प्राप्त कर सकते हैं।https://www.soutickets.in/ से भी टिकट ले सकते हैं। इस प्रतिमा को देखने के लिए वयस्कों को टिकट के लिए 120+30 (बस किराया) और 3 साल से 15 साल तक के बच्चों को 60 + 30 (बस किराया) रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इस प्रतिमा के टिकट के कीमत में ही फूलों की घाटी भी घूमी जा सकेगी।
यहां 100 से ज्यादा तरह के फूल
पटेल की प्रतिमा से कुछ ही दूर 100 से ज्यादा तरह फूल देखे जा सकते हैं। इसके अलावा मेमोरियल, म्यूजियम, ऑडियो विजुअल गैलरी, एसओयू साइट और सरदार सरोवर डैम आदि सभी निहारने के लिए वयस्कों को 350+30 (बस शुल्क), और 3 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को 200+30 (बस शुल्क) रुपए खर्च करने पड़ेंगे। 3 साल से कम उम्र के बच्चों का कोई टिकट नहीं लगेगा।
ये हैं 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की खासियतें
- यह प्रतिमा दुनिया में सबसे उूंची है, जिसकी उूंचाई 597 फीट है। यह प्रतिमा 6.5 तीव्रता के भूकंप के झटके और 220 किमी की स्पीड के तूफान का भी सामना कर सकती है।
साबरमती से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक उड़ेंगे सी-प्लेन, सरकार की 'उड़ान' से शुरू होगी ये सुविधा
- सरदार पटेल की इस प्रतिमा के निर्माण में 85% तांबे का उपयोग किया गया था। जिसकी वजह से सैकड़ों साल तक इमसें जंग नहीं लग सकती। 2000 टन कांसे का भी उपयोग हुआ है।
12KM इलाके में बनाए गए तालाब से घिरी
- इसे बनवाने में 2.10 लाख क्यूबिक मीटर कन्क्रीट लगा था। 6 हजार 500 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18 हजार 500 टन सरियों का इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं, यह 12 किमी इलाके में बनाए गए तालाब से घिरी है।
गैलरी में एक साथ 200 लोग खड़े रह सकते हैं
- इस प्रतिमा की गैलरी में खड़े होकर एक बार में 40 लोग सरदार सरोवर डैम, विंध्य पर्वत के दर्शन कर सकते हैं। इसके भीतर जो दो हाई-स्पीड लिफ्ट लगाई गई हैं, वे पर्यटकों को सरदार पटेल की मूर्ति के सीने के हिस्से में बनी व्यूइंग गैलरी तक ले जाती हैं। इस गैलरी में एक साथ 200 लोग खड़े रह सकते हैं।
33 महीनों में तैयार की गई
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 33 महीनों में तैयार की गई, जो एक रिकॉर्ड है। जबकि, चीन के स्प्रिंग टेंपल में बुद्ध की प्रतिमा के निर्माण में 11 साल लगे थे। इस प्रतिमा ने बुद्ध की प्रतिमा का रिकॉर्ड भी ब्रेक कर दिया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की डिजाइन में इस बात का भी खास ध्यान रखा गया कि सरदार पटेल के हावभाव उसमें हू-ब-हू नजर आएं। इसके लिए पटेल की 2000 से ज्यादा फोटो पर रिसर्च की गई।
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा वाले रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करेंगे PM मोदी, देश में ऐसा पहली बार बना
लागत 2989 करोड़ रुपए आई
- सरदार पटेल ट्रस्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, इस प्रतिमा की लागत 2989 करोड़ रुपए आई थी। इस मूर्ति में 2.10 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट-कन्क्रीट इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा इसके लिए देशभर से लोहा मंगवाया गया था। किसानों ने भी धातु दी थीं।