Gujarat local body election results:पूरा गुजरात जीत रही है BJP,लेकिन एक गलती से यहां खा गई झटका
अहमदाबाद: गुजरात में रविवार को हुए स्थानीय निकाय के चुनाव परिणाम एकबार फिर से एकतरफा राज्य की सत्ताधारी बीजेपी के पक्ष में जाते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। अभी तक जितने भी जिला पंचायतों, नगर पालिकाओं और तालुका पंचायतों में वोटों की गिनती हो चुकी है या चल रही है, उसमें भाजपा अजेय बढ़त बनाती हुई दिख रही है। हालांकि, इस चुनाव में कांग्रेस ने अपना दूसरा स्थान वापस से बरकरार रखा है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सीटों के मुकाबले उसका फासला बहुत ही ज्यादा हो गया है। वहीं अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को एकबार फिर से गुजरात के वोटरों ने मुस्कुराने की वजह दी है, जिसने सूरत नगर निगम की तरह इस चुनाव में भी अपनी एंट्री दर्ज करा दी है।
गुजरात नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने बनाई अजेय बढ़त
पिछले रविवार को राज्य में जिन 31 जिला पंचायतों के लिए वोट डाले गए थे, उनमें से इस वक्त सभी सीटों पर भाजपा या तो आगे चल रही है यह इस पर उसका कब्जा हो चुका है। इसी तरह 81 नगरपालिकाओं में से उसे 71 पर या तो बढ़त हासिल हो चुकी है या इसपर उसका कब्जा हो गया है। जबकि कांग्रेस 5 और आम आदमी पार्टी 2 पर आगे है या उन्हें विजय मिल चुका है। वहीं तालुका पंचायतों की बात करें तो 231 सीटों पर चुनाव हुए थे, उनमें से 185 पर भाजपा जीती है या आगे है और 34 पर कांग्रेस दिखाई पड़ रही है। एकबार फिर बता दें कि इन आंकड़ों में आखिरी परिणाम आने तक अंतर आने की पूरी संभावना है। राज्य में इन सभी स्थानीय निकायों की कुल 8,474 सीटें हैं, जिनमें से 8,235 पर ही वोट डाले गए थे और बाकी पर प्रत्याशियों को निर्विरोध विजेता घोषित किया गया था।
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जिस प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया, उसी ने बीजेपी को हराया
लेकिन, रविवार को हुए चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी को सबसे बड़ा झटका दाहोद में लगा है, जहां उसे कांग्रेस के प्रत्याशी के हाथों अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा है। यहां के वार्ड नंबर 3 से कैद चूनावाला चुनाव जीत गए हैं, जिन्हें भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया था। सबसे बड़ी बात है कि उन्हें यह जीत कांग्रेस के टिकट पर मिली है। वैसे इस सीट पर वह लगातार चौथी बार चुनाव जीते हैं। इनके साथ ही दाहोद नगरपालिका पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है। लेकिन,राजकोट जिला पंचायत में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी है और वहां उसे भाजपा के हाथों सत्ता गंवानी पड़ गई है।
अहमदाबाद में जीत कर भी 'हार' गई भाजपा!
भाजपा के लिए अहमदाबाद जिला पंचायत का चुनाव परिणाम भी बड़ा दुखदायी साबित हुआ है। यहां बहुमत मिलने के बावजूद जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर कांग्रेस के सदस्य का काबिज होना तय है। दरअसल, अहमदाबाद जिला पंचायत के अध्यक्ष का पद अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सदस्य के लिए रिजर्व है। कांग्रेस की प्रत्याशी पारुबेन पधार जिला पंचायत की शाहपुर सीट से चुनाव जीती हैं, जो कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीट है। वैसे कांग्रेस को उम्मीद थी कि 6 नगर निगम चुनाव में बड़ी हार के बाद इन चुनावों में वह वापसी करेगी, लेकिन वह कई वो पंचायतें भी हार गई है, जिसपर अभी उसका कब्जा था।
आम आदमी पार्टी छीन रही है कांग्रेस की जमीन!
आम आदमी पार्टी को गुजरात में भावनगर और अमरेली जिला पंचायतों की कुछ सीटों पर भी बढ़त मिली है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, भावनगर और जामनगर के सभी नगर निगमों पर भाजपा का कब्जा हुआ था और उसने ऐतिहासिक रूप से नगर निगमों की कुल 576 सीटों में से 483 सीटें जीत ली थी। यह चुनाव सबसे ज्यादा कांग्रेस के लिए नुकसानदायक रहा था, जहां सूरत में आम आदमी पार्टी ने 27 सीटें जीती थी,लेकिन हार्दिक पटेल के गढ़ में भी कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई। 28 फरवरी को हुए चुनाव में जिला पंचायत में 65.80, नगरपालिकाओं में 65.80 फीसदी और तालुका पंचायतों में 66.60 फीसदी वोट पड़े थे। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अपने 2,090 उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जबकि बीजेपी ने 8,161 और कांग्रेस ने 7,778 प्रत्याशियों पर दांव लगाया था।
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