'मंदिर में जल चढ़ाने से भागेगा कोरोना', ऐसा कहकर जुटीं सैकड़ों महिलाएं, गुजरात में 46 गिरफ्तार
गांधीनगर। कोरोना महामारी से मचे तांडव के बीच गुजरात के अहमदाबाद और गांधीनगर जिलों में दो गांवों के लोगों ने अंधविश्वास के चलते कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन किया। ये घटनाएं 3 व 4 मई को सामने आईं। अब पुलिस द्वारा दोनों घटनाओं में कार्रवाई की गई है। गांधीनगर जिले के एक गाँव में धार्मिक जुलूस निकालने के लिए पुलिस ने 46 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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पुलिस अधिकारी ने बताया कि, उक्त लोगों समेत बड़ी संख्या में जुटी महिलाओं ने एक आयोजन किया था, जिसे "कोरोनावायरस का निदान" कहा गया था। पिछले कुछ दिनों में गुजरात में इस तरह की यह दूसरी घटना थी। उप पुलिस अधीक्षक एम के राणा ने कहा कि गांधीनगर के रायपुर गांव में इस तरह का जुलूस निकाला गया, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग भंग हुई। गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसका वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में दिख रहा था कि, लगभग 100 पुरुष और महिलाएं, जिनमें से कई बिना मास्क के थे, गाँव में एक जुलूस में भाग लेते दिखाई दिए।
महिलाएं अपने सिर पर पानी के बर्तन ले जा रही थीं, तो कई पुरुष ढोल पीटते हुए जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे। राणा ने कहा, "इस घटना के बारे में पता चलने के बाद, हमने जुलूस निकालने वालों में शामिल 46 लोगों को गिरफ्तार किया है।"
उन्होंने कहा कि गांव के लोगों का मानना है कि उनके देवता के एक स्थानीय मंदिर पर पानी डालने से कोरोना वायरस का निदान हो सकता है। अधिकारी ने कहा कि, सभी 46 आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत पुलिस की अधिसूचना का उल्लंघन करने और आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।
इससे पहले अहमदाबाद के नवापुरा गाँव में भी 3 मई को, एक ऐसी ही घटना घटी थी, जहाँ बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने सिर पर पानी के बर्तन लिए हुए एक स्थानीय मंदिर में एक जुलूस निकाला। उन्हें विश्वास था कि मंदिर पर जल चढ़ाने से कोरेाना महामारी भाग जाएगी। तब उस कार्यक्रम के आयोजन के लिए पुलिस ने गांव के सरपंच सहित 23 लोगों को गिरफ्तार किया था।
उधर, बुधवार के दिन गुजरात में कोरोना के 12,955 नए मामले दर्ज किए गए। जिससे कुल मामले बढ़कर 6,33,427 हो गए। बीते रोज 133 दर्ज की गईं और कुल आंकड़ा 7,912 हो गया।