CAA Protest: अब अपना हेयर स्टाइल-लुक बदलने लगे उपद्रवी, पुलिस से बचने सैलूनों पर जा रहे
गोरखपुर. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हुई आगजनी और पत्थरबाजी करने वाले उपद्रवियों पर पुलिसिया कार्रवाई शुरू हो गई है। राज्य के कई जिलों में पुलिस ने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की हैं। इसी सिलसिले में गोरखपुर पुलिस भी गोरखपुर में पथराव और उपद्रव करने वाले लोगों को खोज रही है। वहीं, वे उपद्रवी पुलिस से बचने को अपना हेयर स्टाइल और लुक बदलने में लगे हैं। ऐसे में पुलिस सैलूनों पर निगरानी रख रही है। दाढ़ी-बाल कटवाने ज्यादातर लोग सैलूनों पर ही आते हैं, ऐसे में सिपाहियों ने मुखबिर भी लगा रहे हैं।
पुलिस से बचने को हेयर स्टाइल और लुक बदलने में लगे उपद्रवी
संवाददाता के अनुसार, कोई उपद्रवी अपना हेयर स्टाइल बदल रहा है तो कोई अपनी पसंदीदा दाढ़ी हटाकर सेविंग करा रहा है। जो पहले से क्लीनसेव हैं, उन्होंने दाढ़ी बढ़ानी शुरू कर दी है। कोशिश यही है कि पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जाएं। इस सूचना पर पुलिस ने भी सैलूनों पर नजर बढ़ा दी है। मुखबिर भी लगाए गए हैं। यही नहीं, जिनकी अलग हेयर स्टाइल से पहचान साफ तौर पर उजागर हो रही थी, उन लोगों ने तो अपने बाल तक छोटे करा दिए। किसी ने धौनी स्टाइल अपना ली है तो कोई गजनी, कोहली या फिर शाहरुख, अक्षय की हेयर स्टाइल में कटिंग करवा रहा है। इसके अलावा बजकट, क्र्यू कट, रफ वेव्स, फ्लैट टॉप, लॉंग टॉप आदि तमाम तरह की हेयर स्टाइल के पीछे कोई फैशन नहीं, बल्कि खुद की पहचान छिपाना है।
सीसीटीवी कैमरों कैद हुई थीं हरकतें
सर्द मौसम में अमूमन हेयर कटिंग और सेविंग कराने के लिए सैलूनों पर भीड़ कम ही होती है पर शनिवार की शाम को गोरखपुर पुलिस ने पत्थरबाजों के पोस्टर जारी किए और वीडियोग्राफी तथा सीसीटीवी कैमरे में उनकी फुटेज होने का भी दावा किया। इसके बाद इसमें काफी इजाफा देखने को मिल रहा है। रविवार को तो बक्शीपुर, घासीकटरा, इलाहीबाग, मिर्जापुर, साहबगंज व रेती के आस-पास के सैलूनों पर भारी भीड़ दिखी। युवाओं के अचानक हेयर स्टाइल बदलने से सैलून कर्मचारी भी पहले हैरान रह गए पर बाद में उन्हें माजरा समझ में आ गया।
किसी ने दाढ़ी कटाई तो कोई करा रहा सेविंग
साहबगंज क्षेत्र के एक सैलून में आए युवा ने पहले अपनी बढ़ी हुई दाढ़ी की पहले जीरो कटिंग कराई। बाद में उसे लगा कि इससे भी दिक्कत हो सकती है तो उसने सेविंग करा ली। एक युवक ने बताया कि पुलिस ने उसे नखास के पास से पकड़ लिया था। उसने आधार दिखाया तो उसे छोड़ा गया। पता चला कि जिस युवक को पुलिस तलाश रही थी, उसका हुलिया उससे मिलता जुलता था। वह भी दाढ़ी रखा था। उसकी गलतफहमी में पुलिस उसे दोबारा न पकड़े, इसलिए उसने सेविंग करा ली है। कपड़े भिखारियों को दे रहेइन दिनो भिखारियों की चांदी हो गई है। प्रदर्शन और पथराव के दिन उसमें शामिल लोगों ने जो कपड़े पहने थे, उन्हें घरों से हटा रहे हैं।
फुटेज दिखाकर भी पता लगा रही पुलिस
उन्हें डर है कि पुलिस कहीं फुटेज लेकर तलाश करते उनके घरों तक न पहुंच जाए। ऐसे में वे कपड़े भिखारियों को बांट दे रहे हैं। दरअसल, पुलिस के पास मौजूद फुटेज में जो युवा हाथ में पत्थर लिए दिख रहे हैं, उनके पहनावे को देखने से यही नहीं लग रहा है कि वे आर्थिक रूप से कमजोर नहीं हैं। कुछ तस्वीरों में तो एक ही तरह (नीले और लाल रंग) के कपड़े में समूह में दिख रहे युवा पुलिस पर पत्थरबाजी कर रहे हैं।
भिखारियों को कपड़े देने वालों पर भी निगरानी
कहीं नीले रंग के कपड़े पहने लोगों का समूह है तो कहीं लाल रंग वालों का। मोहल्लों और सैलूनों पर पुलिस ने लगाए मुखबिरपत्थरबाजों की पहचान के लिए पुलिस ने मोहल्लों के अलावा सैलूनों पर भी अपने मुखबिर लगा दिए हैं। ऐसे ग्राहक जिन्हें देखने से लग रहा है कि वे पहचान छिपाने के लिए ऐसा कर रहे हैं, उन पर खास नजर है। भिखारियों को कपड़े देने वालों पर भी नजर रखी जा रही है।
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