रक्षाबंधन: इस बार दो दिन है पूर्णिमा,इस शुभ मुहूर्त में राखी बांध सकेंगी बहनें
भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे रा
गोरखपुर,9अगस्त: भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। कर्मकांड व ज्योतिष के विद्वानों के मुताबिक 11 को दिन में भद्रा के कारण रात में राखी बंधवाई जा सकती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित कपिल आचार्य के अनुसार इस बार दो दिन रांखी बांधी जा सकेगी। 11 अगस्त को दिन में भद्रा रहेगा। यह रात 8:25 तक भद्रा रहेगा। 11 की रात्रि 8:26 बजे भद्रा समाप्त होने के बाद से अगले दिन यानी 12 अगस्त की सुबह 7:25 बजे तक बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं।
ज्योतिषगुरु कुमार अमित बताते हैं कि पूर्णिमा की 12 अगस्त को सुबह 7:25 बजे तक पूर्णिमा तिथि है। 11 अगस्त को पूर्णिमा शुरू हो रही है लेकिन सुबह 9:35 बजे से रात्रि 8:25 बजे तक भद्रा है। उदयातिथि 12 अगस्त को ही होने के कारण श्रावणी रक्षाबंधन का पुनीत पर्व उसी दिन मनाया जाएगा।
क्या
है
भद्रा
काल
हिंदू
धर्म
में
भद्रा
काल
का
विशेष
महत्व
रहता
है
क्योंकि
यदि
भद्रा
हो
तो
शुभ
कार्य
नहीं
करना
चाहिए
और
न
होलिका
दहन
करना
चाहिए
और
न
ही
बहनों
को
भाई
की
कलाई
पर
रक्षा
सूत्र
बांधना
चाहिए।
इस
साल
रक्षा
बंधन
पर
भद्रा
काल
है,
लेकिन
मकर
राशि
की
भद्रा
का
वास
पाताल
लोक
में
है
इसलिए
इसका
असर
नहीं
पड़ेगा।
इसके
साथ
ही
इस
बार
दो
दिन
पूर्णिमा
तिथि
है,
पहले
दिन
यदि
राखी
न
बांधी
जा
सके
तो
दूसरे
दिन
सुबह
पूर्णिमा
तिथि
समाप्त
होने
से
पहले
राखी
बांधी
जा
सकती
है।