गोरखपुर: लंबे समय से अनुपस्थित 18 कर्मचारियों पर गिरी गाज, डीएम के निर्देश पर सेवा समाप्त
गोरखपुर, 27 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर लंबे समय से अनुपस्थित रहने वाली 18 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी और सहायिकाओं की सेवा समाप्त कर दी गई है। बार-बार नोटिस देने के बाद भी उनकी ओर से कोई जवाब न आने के बाद डीएम के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत कुमार सिंह ने यह एक्शन लिया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बाल विकास परियोजना शहर से सरिता तिवारी, लालदेई, सुनीता पांडेय, राबिया, दुर्गावती देवी, आरती द्विवेदी, प्रियंबदा सिंह, झरना टोला, अंजू देवी, रीना चौधरी, कैलाशी देवी की सेवा समाप्त की गई है। इसी तरह बाल विकास परियोजना चरगांवा से सरिता श्रीवास्तव, जंगल कौड़िया से कुसुम देवी को हटाया गया है। बांसगांव से कुमारी नेहा, अनीता मौर्य, आत्मा देवी, सुशीला पाल, खोराबार से राधिका देवी को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि रिक्त हुए पदों पर दोबारा भर्ती की जाएगी।
6 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 8 सहायिका मिलीं अनुपस्थित
डीएम के निर्देश पर जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा 22 अक्टूबर को जांच की गई थी, जिसकी रिपोर्ट आ गई है। जिला स्तरीय अधिकारियों ने आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया था, जिसमें 6 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आठ आंगनबाड़ी सहायिका केंद्र पर अनुपस्थित मिली थीं। डीएम ने बताया कि वर्तमान समय में संचारी रोग/दस्तक जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है। ऐसे समय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर घूमकर अभियान के प्रचार-प्रसार का कर्तव्य निभाना है, लेकिन कुछ कार्यकर्ता इसमें लापरवाही बरत रही हैं।
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कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की रोकी गई सैलरी
डीएम ने अनुपस्थिति और कार्यां में उदासीनता बरतने के कारण संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अक्टूबर महीने का मानदेय रोकने का निर्देश दिया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि अनुपस्थित कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की जाएगी।