गोरखपुर: शहीद विजय मौर्य की पत्नी बोलीं- सीएम आए लेकिन मुझसे कुछ पूछा ही नहीं?
Gorakhpur news, गोरखपुर। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए विजय कुमार मौर्य के परिजनों की मांग पर मुख्यमंत्री सोमवार को गोरखपुर के छपिया जयदेव पहुंचे। सीएम के वहां पहुंचते ही 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगने लगे। सीएम ने शहीद को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों से बात की। हालांकि, शहीद की पत्नी का कहना है कि मुख्यमंत्री के आने का कोई मतलब नहीं, क्योंकि वह वह मुझसे मिले ही नहीं, मेरे ससुर से बात करके चले गए।
शहीद की पत्नी ने कही ये बातें
शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी ने कहा, ''मुख्यमंत्री के आने का कोई मतलब नहीं। उन्होंने सिर्फ मेरे ससुर से बात की, जबकि मुझसे पूछना चाहिए था। मेरे पति शहीद हुए हैं, मुझसे पूछना चाहिए था कि एक बच्ची है कैसे रहोगी, आगे क्या करोगी।'' वहीं, शहीद के पिता रामायण मौर्य का कहना है कि उन्होंने जो मांग पत्र दिया था, उसे डीएम ने अपने पास रख लिया है।
जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा: सीएम
बता दें, शहीद के परिजनों से मुलाकात के बाद सीएम ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ देश की लड़ाई है, यह हम सब की सामूहिक लड़ाई है। सीआरपीएफ के जो जवान आतंकवादी हमले की चपेट में आए थे, उनमें से एक विजय कुमार मौर्य थे। देश के लिए जान देने वाले जवानों के लिए आज पूरा देश सम्मान का भाव रख रहा है। सीएम ने कहा है कि देश के इन जवानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। जो भी इस षड्यंत्र में शामिल होगा, उन्हें चुनचुन कर सजा दी जाएगी।
गांव से जाने के पांचवे दिन आई शहीद होने की खबर
देवरिया जिले के भटनी कस्बे के छपिया जगदीश गांव के रहने वाले विजय मौर्य (30) पुत्र रामायन मौर्य दस दिन की छुट्टी के बाद 9 फरवरी को ही वापस ड्यूटी पर लौटे थे। उनके जाने के पांचवें दिन उनके शहीद होने की खबर गांव में पहुंची, तो वहां कोहराम मच गया। वे सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन में कांस्टेबल के पद पर तैनात रहे हैं। उनकी तैनाती वर्तमान में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में थी। बीते दो फरवरी को वे दस दिन के अवकाश पर गांव आए थे।
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