हमने भाजपा को मजबूर किया...हमारे दबाव के कारण ही विजय रूपाणी को इस्तीफा देना पड़ा- हार्दिक पटेल
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने कहा कि हमने भाजपा पर दबाव बनाया जिसके कारण विजय रूपाणी को इस्तीफा देना पड़ा।
गांधीनगर, 12 सितंबर। एक मीडिया चैनल को दिये इंटरव्यू में गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने कहा कि विजय रूपाणी सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी का कुप्रबंधन और राज्य में फैली बेरोजगारी को लेकर हमारी पार्टी द्वारा लगातार चलाए गए अभियान के कारण ही भाजपा झुकने को मजबूर हुई और विजय रूपाणी को उनके पद से हटाया गया। चुनावों से ठीक पहले पटेल समुदाय का मुख्यमंत्री चुने जाने पर हार्दिक ने कहा कि विशेष समुदाय का मुख्यमंत्री गुजरात के लोगों के लिए कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा कि सीएम किसी समुदाय का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का होता है।
कांग्रेस
की
वर्तमान
स्थिति
को
देखते
हुए
जब
हार्दिक
से
पूछा
गया
कि
क्या
आपको
लगता
है
कि
कांग्रेस
2022
में
कुछ
कमाल
कर
सकती
है?
इस
प्रश्न
के
जवाब
में
हार्दिक
ने
कहा
कि
विजय
रूपाणी
ने
इस्तीफा
क्यों
दिया?
क्योंकि
हमने
बेरोजगारी
और
कोरोना
वायरस
को
लेकर
कुप्रबंधन
पर
भाजपा
को
लगातार
घेरा।
हमने
किसानों
और
नौकरी
गंवाने
वाले
लोगों
का
मुद्दा
उठाया।
रूपाणी
सरकार
ने
लोगों
के
दुखों
में
इजाफा
किया
है
और
कुछ
नहीं
किया
है।
हमने
भाजपा
को
परेशान
किया
और
हमारे
दबाव
के
कारण
रूपाणी
को
जाना
पड़ा।
इससे
साफ
पता
चलता
है
कि
कांग्रेस
मायने
रखती
है
और
हम
ताकतवर
हैं
और
हम
2022
में
दिखा
देंगे
कि
हम
मायने
रखेंगे।
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वो
कौन
से
मुद्दे
होंगे,
जिन्हें
कांग्रेस
राज्य
चुनावों
में
उठाएगी?
इस
पर
हार्दिक
ने
कहा,
ऐसे
बहुत
सारे
मुद्दे
हैं
जिनको
लेकर
गुजरातियों
में
गुस्सा
है।
लेकिन
दो
मुद्दे
सबसे
बड़े
है
एक
तो
बेरोजगारी
और
दूसरा
कोरोना
कुप्रबंधन।
हमें
पूरा
विश्वास
है
कि
इस
बार
लोग
भाजपा
को
उखाड़
फेंकेंगे।
जब पीएम यहां आकर रैलियां करते हैं तो सब कुछ बदल जाता है। हमने देखा है कि पिछली बार उन्होंने कई रैलियां निकाली थी, जिसने चुनाव को भाजपा के पक्ष में मोड़ दिया था।
इसके जवाब में हार्दिक ने कहा कि फिर भी कांग्रेस केवल 10 वोटों से हारी। यह बताता है कि पीएम कोई कारण नहीं हैं। देखिए, राज्य की जनता एक ऐसे सीएम के पास जाना चाहती है जो उनकी समस्याओं का समाधान करेगा। वे पीएम के पास क्यों जाएं? आप गुजरात के लोगों से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वे अपनी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए दिल्ली की ओर भागते रहेंगे। गुजरातियों को पीएम नहीं सीएम चाहिए।