आपको ईमेल में आयकर रिफंड का मैसेज आए तो कर दें डिलीट, नाईजीरियन हैकर कर रहे हैं लूट, 7 धरे गए
गांधीनगर। अगर आपको अपने ईमेल या मोबाइल फोन पर इनकम टैक्स रिफंड का मैसेज मिलता है, तो उसे डिलीट कर दें। अन्यथा आप लुट सकते हैं। क्योंकि, साइबर फ्रॉड्स या हैकर्स आपकी एक क्लिक पर आपका बैंक बैलेंस खत्म कर सकते हैं। साइबर फ्रॉड्स की ऐसी ही एक गैंग मुंबई में पकड़ ली गई है, जो कई राज्यों को लोगों को निशाना बना चुकी है। यह गैंग नाईजीरियन लोगों की है। पुलिस ने 7 नाईजीरियंस को अरेस्ट किया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये देश के विभिन्न राज्यों में 410 लोगों के मोबाइल फोन हैक कर चुके थे। तमिलनाडु राज्य के करदाता इस गिरोह का सर्वाधिक शिकार बने।
410 लोगों के मोबाइल फोन हैक कर चुके थे
जानकारी के अनुसार, गिरोह कोई भी करदाता के ईमेल आईडी पर एक ईमेल भेजता है। जिसमें आयकर का मैसेज होता है कि अपना रिफंड लेने के लिये सूचनाओं का पालन करें। इसके साथ दिए गए लिंक में क्लिक करने पर ऑनलाइन फॉर्म खुल जाता है। यह फॉर्म सबमिट करते ही एक लिंक TMOBILE साथ आता है। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद, मोबाइल फोन हैक हो जाता है, फिर नाजी गिरोह के लोग आईडी पासवर्ड और आपके दस्तावेज प्राप्त करके और बैंक से बिटकॉइन वॉलेट में ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं।
भारत में पहली बार अहमदाबाद में हुई इस अपराध की सफल जांच
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने 4750 डेटा का पता लगाया है। यह डेटा मोबाइल फोन हैक करके प्राप्त किया जाता है। यह डेटा देश के विभिन्न राज्यों का है। इस अपराध की सफल जांच भारत में पहली बार अहमदाबाद में हुई है। इनकम टैक्स की डिटेल के साथ मैसेज आने के बाद लोग आयकर रिफंड पाने के लिये ऐप को डाउनलोड कर लेते थे।
..समझिए कैसे हैक होता है मोबाइल और उड़ जाते हैं पैसे
अहमदाबाद के एक व्यवसायी को लगभग आठ महीने पहले मोबाइल में एक मैसेज आया था कि उसे इनकम टैक्स रिफंड लेना है, इसलिए इस लिंक पर क्लिक करें। शिकायतकर्ता लिंक पर क्लिक करके ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए आया था, और थोड़ी देर के बाद, शिकायतकर्ता के मोबाइल फोन द्वारा शिकायत प्राप्त हुई कि वह TMOBILE नामक एप्लिकेशन डाउनलोड करें। जैसे ही व्यवसायी ने मोबाइल से ऐप लिंक किया, उनका मोबाइल फोन हैक हो गया। गिरोह ने शिकायतकर्ता के बैंक खाते से दो लाख रुपये बिटकोइन वोलेट में ट्रांसफर कर दिये।
ठगी के शिकार व्यक्ति ने जब शिकायत दर्ज कराई तो..
शिकायत दर्ज होते ही साइबर क्राइम ने जांच शुरू कर दी, लेकिन लंबे समय तक कोई जानकारी नहीं मिली। आखिरकार, साइबर अपराध अपराधियों के जैसे सोचकर प्राप्त किए गए ईमेल के आईपी पते की जांच करने की कोशिश की, और पुलिस नाइजिरियन गिरोह के सर्वर तक पहुंच गई। इस सर्वर से पुलिस को एक मोबाइल नंबर मिला है जो मुंबई में सक्रिय था।
साइबर सेल ने मोबाइल फोन और पासपोर्ट जब्त कर लिये
साइबर सेल ने पाया कि जब एक मोबाइल फोन एक्टिव हुआ तो उसकी लोकेशन मुंबई में दिख रही थी। फिर, सिपाहियों ने नाइजिरियन गिरोह के इंद्रीश डिकोस्टा, इफाइन ओधु औऱ सेनीडु जोसेफ समेत चार भारतीय आरोपी इरफान देशमुख, ताबीस देशमुख, निजामुद्दीन शेख औऱ राजेश गायकवाड को गिरफ्तार कर लिया। इस सभी के मोबाइल फोन और पासपोर्ट जब्त कर लिये गये हैं।
कहां-कितने लोगों को बनाया शिकार
इस गिरोह ने गुजरात के 116, महाराष्ट्र के 223, राजस्थान के 43, मध्य प्रदेश के 15, पंजाब के 54, हरियाणा के 131, हरियाणा के 134, उत्तर प्रदेश के 134, बिहार के 16, झारखंड के 16, झारखंड के 16, तेलंगाना के 50, केरल के 21, कर्नाटक के 197, छत्तीसगढ़ के 7, असम के 24, हिमाचल के 11, दमन, पोडिंचेरी और अंदामान से एक-एक लोगों के मोबाइल फोन हैक कर लिये।