'बादल फटना' मतलब 'प्रेगनेंट क्लाउड' का गुस्सा फूटना
नई दिल्ली। बुधवार की रात जम्मू के डोडा निवासियों पर कहर बनकर टूटी, यहां देर रातबादल फटने से 6 लोगों की मौत हो गई, कई लोग लापता हो गए हैं। बादल फटने के बाद से बस्ती वाले पूरे इलाके में तबाही फैल गई क्योंकि बादल फटने के बाद भारी बारिश शुरू हो गई और इलाके में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। खैर वहां राहत और बचाव कार्य जारी है।
जम्मू के डोडा में बादल फटने से 6 लोगों की मौत, मलबे में दबे हैं कई लोग
लेकिन बादल फटने की ये कोई पहली घटना नहीं है, इस तरह के कई हादसे सुनने को मिलते हैं इसलिए जब इस तरह के हादसे सामने आते हैं तो हर किसी के जेहन में एक ही सवाल कौंधता है कि आखिर बादल फटना होता क्या है?
आइए जानते हैं विस्तार से...
क्या होता है बादल फटना?
बादल का फटना एक प्राकृतिक घटना है, जब बादल फटता है तो अचानक तेज बारिश होती है और हालात बाढ़ और तूफान की तरह के हो जाते हैं। ये सब होता है 'प्रेगनेंट क्लाउड' के कारण। 'प्रेगनेंट क्लाउड' मतलब कि पानी से भरे हुए बादल, जो कि जब किसी बाधा से टकराते हैं तो प्रलय के रूप में बरसते हैं।
उनकी राह में कोई बाधा आ जाती है...
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बादल भारी मात्रा में नमी यानी पानी लेकर आसमान में चलते हैं और उनकी राह में कोई बाधा आ जाती है, तब वो अचानक फट पड़ते हैं। यानी तेजी से संघनन होता है। ऐसे में कई लाख गैलन पानी एक साथ पृथ्वी पर गिरता है, वो भी एक सीमित इलाके में। इससे तेज बहाव वाली बाढ़ आ जाती है।
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पहाड़ी क्षेत्रों में होता है खतरा
बादल फटने की अधिकतर आपदाएं पहाड़ी क्षेत्रों में ही होती हैं। जैसे की हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर आदि। 100 मिलीमीटर प्रति घंटा से बारिश बादल फटने का कारण होने वाली वर्षा लगभग 100 मिलीमीटर प्रति घंटा की दर से होती है। जिस कारण भारी तबाही होती है।
गर्म हवा के झोंके से टकराना
वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसा जरूरी नहीं है कि बादल के सामने कोई ठोस वस्तु आएगी तभी वो फटेंगे। बादल फटने का दूसरा कारण गर्म हवा के झोंके से टकराना भी है।भारत में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से प्रेगनेंट मॉनसून बादल उत्तर की ओर बढ़ते हैं, तब हिमालय के क्षेत्र में उनके फटने का खतरा ज्यादा रहता है।
कब-कब फटे बादल
- 16-17 जून 2013 को केदारनाथ में बादल फट पड़े थे। उस दौरान हुई 10 और 15 मिनट तेज बारिश से भारी मात्रा में जान-माल का नुकसान हुआ।
- 6 अगस्त 2010 को जम्मू और कश्मीर के लेह में बादल फटे थे। उस समय 1 मिनट बारिश में 1.9 इंच पानी बरस गया था।
- 26 नवंबर 1970 को हिचाचल प्रदेश के बरोत में बादल फटे थे। उस दौरान हुई 1 मिनट तेज बारिश में 1.5 पानी बरसा था।
- 29 नवंबर 1911 को पोर्ट बेल्स, पानामा में भी बादल फटे थे। उस दौरान हुई 5 मिनट बारिश में 2.43 इंच पानी बरस गया था।
- -12 मई 1916 को प्लम्ब प्वॉइंट, जमैका में बदल फटे थे। उस दौरान हुई 15 मिनट बारिश में 7.8 इंच पानी बरस पड़ा था।
- 7 जुलाई 1947 को कर्टी-दे-आर्गस, रोमानिया में बदल फटे थे। उस समय हुई 20 मिनट बारिश में 8.1 इंच पानी बरसा था।