लाठीचार्ज से जुड़े कई भ्रम तोड़ती है NCRB की ये रिपोर्ट
नई दिल्ली। लाठीचार्ज का नाम आते ही लोगों पर लाठियां बरसाती पुलिस की तस्वीर आंखों के सामने आती है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही इशारा कर रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, लाठीचार्ज में आम जनता से दोगुने पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2015 में करीब 327 बार पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान 696 पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि सिर्फ 298 आम नागरिकों को चोट आई। साल 2014 में लाठीचार्ज में 557 पुलिसकर्मी और 262 आम नागरिक घायल हुए थे।
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कश्मीर
घाटी
में
इस
साल
बढ़ा
आंकड़ा
साल
2015
में
सबसे
हैरान
कर
देने
वाला
आंकड़ा
जम्मू-कश्मीर
का
है।
जहां
लाठीचार्ज
के
दौरान
411
पुलिसकर्मी
घायल
हुए।
इस
दौरान
सिर्फ
24
आम
नागरिकों
को
चोटें
आईं।
हाल
ही
में
कश्मीर
घाटी
में
भड़की
हिंसा
की
वजह
से
करीब
5000
आम
नागरिक
घायल
हुए
हैं,
जबकि
घायल
हुए
पुलिसकर्मियों
और
पैरामिलिट्री
के
जवानों
की
संख्या
भी
3000
के
करीब
पहुंच
गई
है।
आंकड़ों
में
यूपी
सबसे
अलग
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
साल
2015
में
सिर्फ
उत्तर
प्रदेश
ही
राज्य
है
जहां
घायलों
में
आम
नागरिकों
की
संख्या
पुलिसकर्मियों
से
ज्यादा
है।
यूपी
में
197
आम
नागरिकों
के
मुकाबले
90
पुलिसकर्मी
घायल
हुए।
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लाठीचार्ज
में
गईं
इतनी
जानें
लाठीचार्ज
के
दौरान
2015
में
सात
आम
नागरिकों
की
मौत
हुई
थी।
हालांकि
किसी
पुलिसकर्मी
की
जान
नहीं
गई।
2015
में
भीड़
नियंत्रण
के
दौरान
156
बार
पुलिस
को
फायरिंग
करनी
पड़ी
जिसमें
42
आम
नागरिक
मारे
गए
और
आठ
पुलिसकर्मियों
को
भी
जान
गंवानी
पड़ी।
दंगा
रोकने
के
लिए
सबसे
ज्यादा
लाठीचार्ज
बीते
साल
में
सबसे
ज्यादा
लाठीचार्ज
दंगाइयों
को
काबू
करने
के
लिए
किए
गए।
पुलिस
ने
करीब
145
बार
लाठीचार्ज
किया।
इस
दौरान
375
पुलिसकर्मी
और
82
दंगाई
घायल
हुए।
दंगा
नियंत्रण
के
दौरान
13
आम
नागरिक
भी
मारे
गए।