151 योग आसन जानती है 'नन्ही योगगुरु' श्रेया
खगड़िया
(बिहार)।
बिहार
के
खगड़िया
में
रहने
वाली
12
साल
की
श्रेया
त्यागी
151
योगासन
और
21
प्राणायाम
करने
में
दक्ष
है।
इसलिए
तो
योगगुरु
बाबा
रामदेव
ने
श्रेया
को
'नन्ही
योगगुरु'
की
उपाधि
दी
है।
स्वामी
रामदेव
जब
भी
बिहार
दौरे
पर
आते
हैं
तो
वह
श्रेया
से
मिलना
नहीं
भूलते।
बिहार
के
प्रसिद्ध
योगाचार्य
धर्मेद्र
त्यागी
की
पुत्री
श्रेया
का
जन्म
21
सितंबर,
2002
को
हुआ।
वह
अपने
पिता
को
रोज
व्यायाम
करते
देख
उनकी
नकल
उतारती
रही।
दो
वर्ष
की
उम्र
में
ही
श्रेया
को
योग
के
लिए
नई
दिल्ली
के
राष्ट्रीय
शिविर
में
पुरस्कार
से
नवाजा
गया
था।
श्रेया के पिता कहते हैं कि भले ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में श्रेया का नाम दर्ज नहीं हुआ हो, लेकिन यह योगबाला कई राज्यों में अपनी योगकला का प्रदर्शन कर वाहवाही लूट चुकी है। वर्ष 2006 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चुनी गई बिहार की श्रेया त्यागी सबसे कम उम्र की प्रतिभागी थी। उसे महज चार वर्ष की उम्र में यह सम्मान मिला था।
खगड़िया के एसएलडीएवी स्कूल में सातवीं की छात्रा श्रेया की योगविद्या देखकर योग गुरु बाबा रामदेव ने भागलपुर स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में आयोजित सभा में उसे 'नन्ही योगगुरु' कहकर संबोधित किया। धर्मेद्र बताते हैं कि दो वर्ष की उम्र से ही श्रेया को योग के प्रति लगाव है। जिस योगासन को करने में खुद उन्हें परेशानी होती थी, उसे उनकी बेटी सहजता से कर लेती थी। उसकी लगन देख उन्होंने इसे प्रशिक्षण देना शुरू किया और धीरे-धीरे वह योग में पारंगत होती चली गई।"
योग विषय पर घंटों प्रवचन देने वाली श्रेया ने बातचीत के दौरान किसी विदुषी की तरह बोली, "मनुष्य जीवन एक संघर्ष है। इसमें जीतते वही हैं जिनका आत्मबल मजबूत होता है। आत्मबल सच्चाई का दूसरा नाम है।"
इसके बाद श्रेया थोड़ी सहज हुई और बोली, "ज्यादातर बीमारी लोग स्वयं पैदा करते हैं। गलत खान-पान, गलत रहन-सहन, गलत दिनचर्या के कारण बीमारियां पैदा होती हैं। इन बीमारियों का उन्मूलन योग से किया जा सकता है। सौ बीमारी की एक दवा है योग।"
इतना
ही
नहीं,
नन्ही
श्रेया
अपने
हठयोग
बी
बदौलत
अपने
सीने
पर
चार
ईंट
रखकर
हथौड़े
से
आसान
से
तुड़वा
लेती
है।
एक
प्रशिक्षित
जिम्नास्टिक
खिलाड़ी
की
तरह
वह
अपने
शरीर
को
विभिन्न
दिशाओं
में
किसी
भी
तरह
घुमाने
की
क्षमता
रखती
है।
अब तक दर्जनों पुरस्कारों से नवाजी गई श्रेया के गुरु और पिता धर्मेद्र त्यागी कहते हैं, "योग के कठिन आसनों, जैसे वृश्चिक, द्विपादसिरासन, गर्भासन, पक्षी आसन, सर्वागासन, पूर्णभुजंगासन एवं मत्स्यासन श्रेया बहुत सहजता से कर लेती है।"
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथों पुरस्कृत श्रेया डीएवी स्कूल समूह सहित कई संस्थाओं से भी पुरस्कार पा चुकी है। श्रेया अब तक भारत के 15 से ज्यादा राज्यों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी है।
देखें वीडियो में श्रेया के योग आसन
भविष्य की योजना के विषय में श्रेया कहती है कि वह जेल के कैदियों, गरीबों और नि:शक्तों को मुफ्त योग का प्रशिक्षण देना चाहती है। उसने बताया कि बेगूसराय जेल में वह कैदियों को योग प्रशिक्षण दे भी चुकी है। खगड़िया डीएवी स्कूल के प्राचार्य सी़ एम़ सिंह श्रेया के विषय में कहते हैं, "श्रेया स्कूल के बच्चों की रोल मॉडल है। स्कूल समूह से जितना कुछ होगा वह मदद करने को तैयार है।"
बहरहाल, श्रेया अपनी मेहनत की बदौलत काफी कुछ हासिल कर चुकी है, अब उसे दरकार है सरकार की मदद की, ताकि योग के क्षेत्र में वह विश्व में भी अपना नाम रौशन कर सके।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।