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IPL Teams Earnings: करोड़ों में खिलाड़ी खरीदने वाली IPL टीमें कहां-कहां से कमाई करती हैं ?

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IPL Teams Earnings: T20 विश्वकप खत्म हो गया, जिसमें भारत का सफर सेमीफाइनल तक ही रहा। जिसके बाद करोड़ों क्रिकेट फैंस भारत के इस प्रदर्शन से निराश हो गए थे। जाहिर सी बात है, भारत इस बार की सबसे फेवरेट टीम थी. लेकिन अब एक बार फिर से कुछ महीनों में टी20 का रोमांच शुरू होगा।

IPL Teams Earnings know how IPL Teams make income

हम बात कर रहे हैं आईपीएल 2023 का, जिसे लेकर सभी टीमों ने अपने रिटेन किए गए खिलाड़ियों की सूची भी जारी कर दी है। अब सभी टीमें दिसंबर में होने वाले मिनी ऑक्शन में जाएंगी। ऐसे में अब ये जानना जरूरी है कि किस टीम के पास कितनी राशि पर्स में है। क्योंकि उसी के हिसाब से सभी टीमों को ऑक्शन में खिलाड़ियों को खरीदने का मौका रहेगा।

इसके साथ ही क्रिकेट फैंस से लेकर आम जनता में एक बड़ा सवाल मन में रहता है कि करोड़ों रुपये खर्च करके खिलाड़ियों को खरीदने वाली इन आईपीएल टीमों की कमाई कहां से होती है। इस लेख में ऐसे ही पहलुओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे आप जान सकेंगे कि आईपीएल फ्रेंचाइजी की कमाई कैसे होती है.

BCCI करता है आयोजन

जब 2008 में IPL की शुरुआत हुई तो इसे भारत के लिए एक बेशकीमती खेल प्रतीक के रूप में देखा गया। इसका आयोजन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI करता है। इसमें खास बात ये रही कि टी20 लीग के जरिये दुनियाभर के बेहतरीन क्रिकेट खिलाडि़यों को एक जगह इकट्ठा तो किया गया ही, बल्कि इसने कॉर्पोरेट भारत को भी अपने साथ जोड़ लिया।

आईपीएल को आसान भाषा में समझें तो यह एक क्रिकेट टूर्नामेंट है, जिसे मूल्‍यवान कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के तौर पर विकसित किया गया है। यह कंपनियों को आक्रामक ढंग से अपने बिजनेस का विज्ञापन करने का अवसर प्रदान करता है।

आईपीएल का प्रमुख बिजनेस प्‍लान यह है कि प्राइवेट कंपनियों को क्रिकेट फ्रेंचाइजी खरीदने के लिए बुलाया जाए। जब फ्रेंचाइजी को बड़ी कीमत पर बेच दिया जाएगा, तब कॉर्पोरेट्स भारतीय क्रिकेट में निवेश के लिए आकर्षित होंगे। यही वह रास्‍ता है जहां से पैसा आता है।

इस तरह से होती है कमाई

IPL से होने वाली कमाई को हम इस तरह से समझ सकते हैं। सबसे पहले आपको बता दें कि आईपीएल से होने वाली कुल कमाई में करीब 60-70% हिस्सा, सेंट्रल रेवेन्यू के जरिए आता है। जिसका अहम जरिया है- पहला मीडिया या ब्रॉडकास्टिंग राइट्स और दूसरा टाइटल स्पॉन्सरशिप।

फिर विज्ञापन और प्रमोशनल रेवेन्यू से होने वाली कमाई का हिस्सा करीब 20-30% होता है। इसके बाद लोकल रेवेन्यू से कुल कमाई का करीब दस प्रतिशत आता है। इसमें टिकटों के साथ अन्य चीजों से होने वाली कमाई शामिल होती है।

मीडिया या ब्रॉडकास्टिंग राइट्स क्या होते हैं?

आपको बता दें कि IPL की शुरुआत से ही कमाई का सबसे अहम जरिया उसके प्रसारण या ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से होने वाली कमाई रही है। आसान शब्दों में समझें तो ब्रॉडकास्टिंग राइट्स का मतलब होता है कि IPL के मैच केवल वही चैनल दिखा सकता है, जिसके पास इसके अधिकार होंगे। बीसीसीआई ब्रॉडकास्टिंग राइट बेचकर ही अच्छा-खासा मुनाफा कमा लेती है।

ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से अरबों की कमाई

शुरुआती दस सालों की बात करें तो 2008 से 2017 तक आईपीएल के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स सोनी के पास थे, जिसने इसके लिए BCCI को 8,200 करोड़ रुपये दिए थे। इसके बाद 2018 में ब्रॉडकास्टिंग राइट्स की फिर बोली लगी और इस बार स्टार स्पोर्ट्स ने बाजी मार दी। स्टार ने 2018 से 2022 तक, यानी 5 सालों के IPL ब्रॉडकास्टिंग राइट्स को 16,347 करोड़ रुपये में खरीदा था।

मीडिया में आ रही खबरों की माने तो 2023-2028 के लिए आईपीएल मीडिया के राइट्स 30 हजार करोड़ रुपये में बिक सकते हैं। जिससे बीसीसीआई को मोटी कमाई हो सकती है।

आईपीएल टीमें और BCCI को होती है इतनी कमाई

पहले ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से जो भी कमाई होती थी, उसमें 20% BCCI रखता था और 80% पैसा टीमों को मिलता था, लेकिन धीरे-धीरे ये बढ़कर 50%-50% हो गया। इसका मतलब ये हुआ कि अब ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से मिलने वाले पैसे में BCCI और टीमों को आधा-आधा हिस्सा मिलता है।

पहले 10 सीजन में प्रसारण अधिकार से BCCI और टीमों ने 8,200 करोड़ रुपये कमाए थे, मतलब हर साल 820 करोड़। 2018 में स्टार स्पोर्ट्स ने 5 सालों के लिए मीडिया राइट्स 16,347 करोड़ रुपये में खरीदे थे. मतलब हर साल करीब 3,270 करोड़ रुपये।

टाइटल स्पॉन्सरशिप से टीमें कमाती हैं करोड़ों में

टाइटल स्पॉन्सरशिप से भी आईपीएल टीमों की बहुत कमाई हो जाती है। इसे इस तरह से समझ सकते हैं, टाइटल स्पॉन्सरशिप का मतलब होता है, IPL के पहले अपना नाम जुड़वाना-जैसे- डीएलएफ आईपीएल, पेप्सी आईपीएल, वीवो आईपीएल और टाटा आईपीएल।

कोई भी ब्रांड IPL के टाइटल के आगे अपना नाम जुड़वाने के लिए करोड़ों में खर्च करते हैं. इससे उन्हें ये फायदा होता है कि, उनके ब्रांड का प्रचार पूरी दुनिया में आसानी से हो जाता है।

कमाई का बड़ा जरिया है विज्ञापन

विज्ञापन और प्रमोशन से भी आईपीएल टीमों की जमकर कमाई होती है। सभी अलग-अलग टीमों का कमाई करने के हिसाब अपना बिजनेस मॉडल होता है। इसके तहत वे कई कंपनियों से करार करती हैं। आप देखते होंगे जब खिलाड़ी खेलते हैं तो उनके कैप, टीशर्ट, जूते, हेलमेट, सभी जगह कुछ ना कुछ ब्रांड के लोगो लगे होते हैं।

खिलाड़ियों के साथ अंपायर की जर्सी, हेलमेट, विकेट, मैदान और बाउंड्री लाइन पर आपको कंपनियों के नाम दिखते हैं। इसके लिए कंपनियां टीमों को मोटा पैसा देती हैं। यहां तक की टीमें अपने नाम और लोगो वाले टी-शर्ट, कैप, ग्लब्स आदि बेचकर भी पैसे कमाती हैं।

टीमों की कमाई का जरिया लोकल रेवेन्यू भी होता है, इसका कहने का मतलब मैदान में बिकने वाले टिकट से है। एक मैच में टिकट से ही 4 से 5 करोड़ रुपये तक की भी कमाई हो जाती है। जिसमें 80 प्रतिशत पैसा घरेलू टीम को मिलता है। इसके अलावा टॉप-4 टीमों की कमाई का एक जरिया IPL प्राइज मनी भी है।

हिस्सेदारी बेचकर

जैसे जैसे आईपीएल की लोकप्रियता बढ़ी है, उसी अनुपात में फ्रेंचाइजी टीमों की कमाई भी। इस कारण इनके वैल्यूएशन में भी तेजी से वृद्धि हुई है। दस बारह साल पहले एक फ्रेंचाइजी की जो वैल्यू थी, आज उससे कई गुना बढ़ गई है। इस कारण फ्रेंचाइजी के मालिक बढ़ी हुई वैल्यू के अनुसार अपना कुछ हिस्सा किसी अन्य निवेशक को बेचकर अपनी मूल निवेश से कहीं अधिक राशि आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: Hardik Pandya Controversy: इन क्रिकेटर्स का भी रहा विवादों से नाता, विश्व कप विजेता टीम के खिलाड़ी भी शामिल

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English summary
IPL Teams Earnings know how IPL Teams make income
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