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Flashback 2022: वे महिला खिलाड़ी जिन्होंने लहराया दुनिया में भारत का तिरंगा

भारत में पुरुषों के साथ महिलाओं का भी खेलों में योगदान और समर्थन बढ़ रहा है। 2022 भारतीय महिला खिलाड़ियों के लिए बहुत ही शानदार रहा।

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Flashback 2022: Women players who hoisted Indias tricolor in the world

साल 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स और नेशनल गेम्स जैसे बड़े आयोजन हुए। इन खेलों में कई महिला खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। हालांकि, उनका यह सफर इतना भी आसान नहीं था। फिर भी उनके हौसलों और जज्बे ने उन्हें न सिर्फ मैदान में बल्कि देश-दुनिया के लिए भी प्रेरणा का एक माध्यम बना दिया।

हरिका द्रोणावल्ली - प्रेग्नेंट थी फिर भी खेल में रही आगे
कुछ महीने पहले आयोजित हुए 44वें चैस ओलंपियाड में भारतीय टीम में शामिल हरिका द्रोणावल्ली ने कांस्य पदक जीता। गौरतलब है कि तब हरिका प्रेग्नेंट थी, फिर भी उन्होंने भारत का नाम रोशन करने का मौका नहीं छोड़ा। हरिका ने बहुत कम उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था और 9 साल की कम उम्र में भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक जीता। इसके बाद उन्होंने अंडर-10 लड़कियों की अंतरराष्ट्रीय युवा शतरंज प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था।

दीपिका कुमारी - पिता चलाते थे ऑटो रिक्शा
2022 में पेरिस में आयोजित हुए तीरंदाजी विश्वकप में भारतीय तीरंदाज दीपिका कुमारी ने अंकिता भकत और सिमरनजीत कौर के साथ मिलकर महिला रिकर्व टीम स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीत भारत का नाम रोशन किया था। दीपिका की मां रांची मेडिकल कॉलेज में नर्स है, जबकि उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण शुरुआती दिनों में उन्होंने घर के बने बांस के धनुष और तीर से अभ्यास किया था। यही नहीं, वे पेड़ के आमों को निशाना बनाते हुए भी तीरंदाजी का अभ्यास किया करती थी।

साक्षी मालिक - लड़कों के खेल में लड़की ने मारी बाजी
साक्षी मालिक ने 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 62 किलो फ्रीस्टाइल में स्वर्ण पदक जीता। साक्षी मलिक के पिता DTC बसों में कंडक्टर थे और साक्षी को रेसलिंग का शौक उनके दादा से आया जो खुद भी एक पहलवान थे। साक्षी ने सिर्फ 12 वर्ष की आयु में रेसलिंग की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था और एक मीडिया समूह से बातचीत में साक्षी मलिक ने बताया कि शुरूआती ट्रेनिंग के दौरान उन्हें लड़कों से लड़ना पड़ता था क्योंकि वह उस क्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं जहां पर लड़कियों को खेलने के अनुमति नहीं थी।

मीराबाई चानू - रोजाना तय किया 44 किलोमीटर का सफर
2022 में नेशनल गेम्स में मीराबाई चानू ने 84 किलो और क्लीन एंड जर्क में 107 किलो सहित कुल 191 किलो भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता था। मीराबाई ने ओलंपिक्स, कॉमनवेल्थ, और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी कई पदक जीतें हैं। जब वे 12 वर्ष की थी तब उन्हें वेटलिफ्टिंग सीखनी थी लेकिन उनके गांव में वेटलिफ्टिंग करने के लिए कोई जगह नहीं थी, इसलिए ट्रेनिंग के लिए उन्हें रोजाना 44 किलोमीटर का सफर करना पड़ता था, जिसके लिए वे ट्रक में लिफ्ट भी मांगती थी।

मनु भाकर - एक सटीक निशाने ने बनाया सफल शूटर
मनु भाकर ने हाल ही में भोपाल में आयोजित नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में 10 मीटर पिस्टल जूनियर महिला स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। उनके इस सफर की शुरुआत भी अचानक हुई थी। दरअसल, एक दिन मनु अपने स्कूल में शूटिंग रेंज में गई तो उन्होंने एक पिस्तौल उठाई और 7.5 मीटर दूर निशाने पर सीधे गोली मार दी। यह देखकर कोच चौंक गए क्योंकि आमतौर पर इतना सटीक निशाना लगाने के लिए छह से बारह महीने लगते हैं। इसके बाद मनु ने ट्रेनिंग ली और नेशनल गेम्स में भाग लिया और कई मेडल जीते।

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अवनि लेखारा - जज्बे ने बनाया बेहतरीन निशानेबाज
अवनि लेखारा एक पैरा-शूटर है जिन्होंने जून 2022 में फ्रांस में आयोजित हुए पैरा-शूटिंग वर्ल्डकप में स्वर्ण मेडल जीता। 2012 में जब वे 11 वर्ष की थी तब एक कार दुर्घटना में अवनि पैराप्लेगिया से ग्रसित हो गयी। इस हादसे के बाद उसके पिता ने उन्हें खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया, और उन्होंने निशानेबाजी और तीरंदाजी में अपना हाथ अपनाया। साल 2015 में उन्होंने अभिनव बिंद्रा से प्रभावित होकर निशानेबाजी की ट्रेनिंग लेनी शुरू की।

भवानी देवी - घर का सोना गिरवी रख बनी गोल्ड मेडलिस्ट
नेशनल गेम्स 2022 में भवानी देवी ने तलवारबाजी में गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने पहली बार 2004 में स्कूल लेवल पर तलवारबाजी सीखी और 10वीं पूरी करने के बाद वह स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से जुड़ गयी। जब वे 14 साल की थी, तब उन्होंने तुर्की में अपनी पहली अंतरारष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया, जहाँ उन्हें तीन मिनट देरी से पहुँचने के चलते ब्लैक कार्ड मिला। भवानी देवी के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए उनकी मां ने उनकी ट्रेनिंग और किट के लिए अपना सोना गिरवी रखवा दिया था।

मनिका बत्रा - मॉडलिंग की जगह चुना टेबल टेनिस
मनिका बत्रा, टेबल टेनिस खिलाड़ी है और उन्होंने एशिया कप में दुनिया की नंबर 6 हिना हयाता को हराकर कांस्य पदक जीता था। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई गेम्स सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया हैं। दिल्ली में जन्मी मनिका बत्रा को मॉडलिंग के प्रस्ताव मिल चुके हैं लेकिन उन्होंने टेबल टेनिस को ही चुना।

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पीवी सिंधु - चाहती थी डॉक्टर बनना
पीवी सिंधु का बचपन में डॉक्टर बनने का सपना था लेकिन आज वे दुनिया की सबसे सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक है। पीवी सिंधु ने 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण मेडल जीता था। अपने कैरियर में उन्होंने अभी तक 411 मैच जीते और 168 मैच हारे हैं।

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English summary
Flashback 2022: Women players who hoisted India's tricolor in the world
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