अयोध्या: मोहम्मद शरीफ को पद्मश्री, 27 सालों से लावारिस लाशों का कर रहे अंतिम संस्कार
अयोध्या। 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्मश्री के लिए मनोनित अयोध्या के मोहम्मद शरीफ को रविवार को सम्मानित किया गया। पुलिस लाइन में प्रभारी मंत्री नीलकंठ तिवारी और जिला अधिकारी अनुज कुमार झा ने उन्हें तिरंगा उढ़ाया। 80 साल के शरीफ ने कहा, 'मोदी सरकार ने मेरी सेवाओं की कद्र कर मुझे यह सम्मान दिया है। इस सरकार ने बिना किसी भेदभाव के निर्णय किया है।'
शरीफ पिछले 27 सालों से लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। उन्होंने हिंदू हो या मुस्लिम, सिख हो या इसाई किसी भी लावारिस लाश को फेंकने नहीं दिया। हिंदू हो तो सरयू घाट पर अंतिम संस्कार और मुस्लिम हो तो कब्रिस्तान में दफन करते थे। शरीफ अब तक लगभग 3000 हिंदू और 2500 मुस्लिम लावारिश शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं। मोहम्मद शरीफ ने पद्मश्री सम्मान देने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जैसा पूरी दुनिया में कोई इंसान नहीं, वह एक फरिश्ते की तरह हैं जिन्होंने गरीबों के लिए और काम किया है।
27 सालों से कर रहे हैं ये काम
दरअसल, मोहम्मद शरीफ का एक बेटा मेडिकल सर्विस से जुड़ा था। करीब 27 साल साल पहले वह एक बार सुल्तानपुर गया था, जहां उसकी हत्या करके शव को फेंक दिया गया था। काफी खोजबीन के बावजूद शव नहीं मिल सका। इस घटना के बाद से ही शरीफ ने लावारिस शवों को ढूंढ़-ढूंढ़ कर उसका अंतिम संस्कार करने का प्रण लिया था। 27 सालों से वह यह काम कर रहे हैं।