बस ड्राइवर थे KGF स्टार यश के पिता, जेब में 300 रुपये लेकर आए थे हीरो बनने, संघर्ष भरी है कहानी
बस ड्राइवर थे KGF स्टार यश के पिता, जेब में 300 रुपये लेकर आए थे हीरो बनने, संघर्ष भरी है कहानी
मुंबई, 19 अप्रैल: सुपरस्टार अभिनेता यश की ''केजीएफ चैप्टर-2'' हाल ही में 14 अप्रैल 2020 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। फिल्म रिलीज के बाद से ही बड़े पैमाने पर बॉक्स-ऑफिस पर कमाई कर रही है। 'केजीएफ चैप्टर-2'' और केजीएफ चैप्टर-1 यश को अभिनेता से सुपरस्टार बना दिया है। आज देश का बच्चा-बच्ची भी उन्हें रॉकी (केजीएफ में फिल्माया गया किरदार) के नाम से जानता है। ''केजीएफ: चैप्टर 2'' को दुनिया भर में प्रशंसकों और फिल्म प्रेमियों ने पूरी फिल्म टीम के प्रयास की सराहना की है। आरआरआर के बाद, ''केजीएफ चैप्टर 2'' इस साल दक्षिण भारत की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक रही। केजीएफ में यश के रॉकी का किरदार दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है। सुपरस्टार यश के स्ट्रगल की कहानी भी उनकी फिल्म की तरह दिलचस्प है।
यश ने खुद बताया था संघर्ष के दिनों की कहानी
यश के जीवन का सबसे दिलचस्प हिस्सा वह है जिस तरह से उन्होंने अपनी फिल्मी यात्रा शुरू की। यश अपनी जेब में सिर्फ 300 रुपये लेकर फिल्मों में अभियन करने लिए बेंगलुरु आए हैं। यश के माता-पिता नहीं चाहते थे कि वो हीरो बने। लेकिन उन्होंने यश को कोशिश करने का एक मौका दिया था।
बस ड्राइवर थे यश के पिता
द न्यूज मिनट को दिए एक पुराने इंटरव्यू में अपने करियर के शुरुआती दिनों के बारे में बात करते हुए यश ने कहा था, मैं हासन जिले के एक छोटे से शहर के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आया हूं। मेरे पिता एक बस ड्राइवर के रूप में काम करते थे और मेरी मां एक हाउस वाइफ थी।''
'मैं 300 रुपये लेकर बेंगलुरु हीरो बनने आ गया था...'
यश ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा, ''मैं बचपन में स्कूल में होने वाली हर प्रतियोगिता में भाग लिया करता था। मैंने जो वाहवाही और पुरस्कार जीते, उसका वास्तव में मैं जो बन गया था उस पर प्रभाव डाला। स्कूल के दिनों से ही मैंने सोच लिया था कि मैं एक अभिनेता बनूंगा। मेरे पास सिर्फ, मेरी जेब में 300 रुपये जब मैं अपना फिल्मी करियर शुरू करने के लिए बेंगलुरु गया था।''
यश के पिता ने कहा था- कुछ ना कर पाए तो वापस आ जाना
यश ने बताया था कि उनके पिता ने कहा था कि अगर वहां कुछ ना कर पाए तो वापस आ जाना और यहां काम करना। यश अपने माता-पिता को याद करते हुए कहते हैं कि अगर मैं अपने प्रयास में विफल रहता हूं, तो मुझे वापस आना चाहिए और वह काम करना चाहिए जो उन्हें लगता है कि मेरे लिए सही है।
पैसा कमाने के लिए शुरुआत में थिएटर करते थे यश
पैसा कमाने के लिए और खुद का समर्थन करने के लिए यश एक थिएटर में काम करते थे। आखिरकर यश को छोटे पर्दे पर स्थान मिला और नंदा गोकुल के साथ टीवी पर ब्रेक मिला। जिससे उन्हें साउथ फिल्म इंडस्ट्री में बसने में मदद मिली। देखते ही देखते टेलीविजन पर काफी लोकप्रिय हो गए यश।
टीवी के बाद सपोर्टिंग एक्टर का किरदार निभाने लगे यश
टीवी के बाद कन्नड़ फिल्मों में सहायक भूमिकाओं में यश ने अभिनय करना शुरू कर दिया। मुख्य नायक के रूप में उनकी पहली फिल्म रॉकी थी, जो एक रोमांटिक ड्रामा है। बाद में, यश ने कई कन्नड़ उपक्रमों में अभिनय किया और उद्योग में अच्छा स्टारडम हासिल किया।
KGF से सुपरस्टार बने यश
लेकिन जिस फिल्म ने यश को अखिल भारतीय दर्शकों के सामने पेश किया, वह है KGF चैप्टर 1। यह फिल्म 2018 में रिलीज हुई और 250 करोड़ से अधिक का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन हासिल किया। KGF चैप्टर 1 ने यश को दक्षिण भारत के सर्वश्रेष्ठ नायकों में से एक बनने में मदद की। अब केजीएफ चैप्टर 2 ने यश को भारत का सबसे बड़ा सुपरस्टार बना दिया।
KGF जैसी ही है यश की जिंदगी की कहानी
यश की जिंदगी की कहानी भी काफी हद तक केजीएफ सीरीज में रॉकी की कहानी से मिलती-जुलती है, जैसे संबंधित उद्योग में एक बहुत ही निचले स्तर से एक सुपरस्टार तक उठाना। यश की कहानी कई युवा और प्रतिभाशाली अभिनेताओं को प्रेरित करेगी जो उद्योग में अपना करियर शुरू कर रहे हैं।