सूरजपुर : इंद्र देव को मनाने में लगे ग्रामीण, मेंढक- मेंढकी की रचाई शादी, बारातियों के लिए किया खास इंतजाम
सावन में भगवान शंकर से मनोकामना पूर्ति के लिए पूजा-पाठ का दौर भी चल रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बारिश के लिए ग्रामीणों ने मेंढक-मेंढकी की शादी कराई। मेंढक-मेढकी को हल्दी लगाया, बारात निकाली गई
सूरजपुर, 26 जुलाई। सावन में भगवान शंकर से मनोकामना पूर्ति के लिए पूजा-पाठ का दौर भी चल रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बारिश के लिए ग्रामीणों ने मेंढक-मेंढकी की शादी कराई। मेंढक-मेढकी को हल्दी लगाया, बारात निकाली गई और फिर मंत्रोच्चारण के साथ उनकी शादी कराई गई। विवाह में सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। इस वर्ष क्षेत्र में वर्षा न होने के कारण ग्रामीण तरह तरह के उपीय कर रहे हैं जिससे भगवान प्रसन्न हों और क्षेत्र में अच्छी बारिश हो। एक ऐसी ही परंपरा मेढ़क,मेढकी के विवाह की है।
लोगों
की
मान्यता
है
प्रसन्न
होते
हैं
इंद्र
देव
मान्यता
है
कि
इंद्र
देवता
को
मनाने
मेढ़क
मेढ़की
का
विवाह
कर
महादेव
पार्वती
सहित
देवी
देवताओं
की
पूजा
अर्चना
करने
से
अच्छी
वर्षा
होती
है।
इस
वर्ष
क्षेत्र
में
वर्षा
न
होने
के
कारण
ग्रामीण
तरह
तरह
के
उपाय
अपना
रहे
हैं
जिससे
भगवान
प्रसन्न
हों
और
क्षेत्र
में
बारिश
की
कमी
न
हो।
एक
ऐसी
ही
परंपरा
मेढ़क,मेढकी
के
विवाह
की
है।
ग्रामीणों
ने
धूम
धाम
से
रचाई
शादी
सरगुजा
जिले
के
ग्राम
गोविंदगढ़
के
ग्रामीणों
के
द्वारा
इंद्रा
देवता
को
प्रसन्न
करने
ग्राम
दर्रीपारा
में
मंडप
सजाकर
मेंढक-मेढ़की
का
विवाह
रचाया।
विवाह
के
पूर्व
गांव
की
महिलाओं
ने
हल्दी
तेल
लगाया
और
सिंदूर
लगाकर
विवाह
के
रस्म
को
पूरा
किया।
गीत-नृत्य
बारात
विदा
होने
तक
चलता
रहा।
इस
दौरान
नाश्ता
और
प्रसाद
का
भी
वितरण
किया
गया।
दोनो
ग्राम
के
बैगा
ने
मेढ़क
-
मेढ़की
का
विवाह
कराया।
विवाह
सम्पन्न
होने
आए
बाद
ग्रामीणों
ने
मेढकी
की
विदाई
की।
बाराती
मेढक-
मेढ़की
को
लेकर
ग्राम
गोविंदगढ़
ले
गए
जहां
वर-वधु
के
घर
पहुंचने
की
रस्म
पूरी
कर
मेढ़क-मेढ़की
को
तालाब
में
छोड़
दिया
गया।
बारातियों
के
लिये
किया
खास
इंतजाम
मेंढक
की
बारात
लेकर
दर्रीपारा
के
महादेव
स्थल
पर
आए
जहां
गोविंदगढ़
से
आए
बारातियों
का
स्वागत
दर्रीपारा
के
ग्रामीणों
के
द्वारा
किया
गया।
ग्रामीणों
ने
बारातियों
के
भोजन
व
नास्ते
की
व्यवस्था
की
,
ग्रामीणों
ने
पूरे
विधि
विधान
से
मेढक-
मेढ़की
का
विवाह
रचाया
।
क्षेत्र
में
हो
रही
कम
बारिश
छत्तीसगढ़
के
दक्षिण
व
मध्य
हिस्से
में
अच्छी
बारिश
हो
रही
है।
लेकिन
उत्तरी
क्षेत्र
सरगुजा
संभाग
में
अभी
तक
सबसे
कम
बारिश
हुई
है।
पिछले
25
वर्षों
की
अपेक्षा
यहां
सबसे
कम
बारिश
हुई
है।
अच्छी
बारिश
नहीं
होने
से
खेती
किसानी
भी
पिछड़
गई
है।
रुठे
मॉनसून
को
मनाने
ग्रामीण
तरह-तरह
के
उपाय
कर
रहे
हैं।
जुलाई
माह
बीतने
को
है
इसके
बावजूद
क्षेत्र
में
अच्छी
बारिश
नहीं
हुई
है।
क्षेत्र
में
अभी
तक
रोपा
लगाने
वर्षा
नही
हुई
है।
यही
कारण
है
कि
आज
तक
रोपाई
का
कार्य
प्रारंभ
नही
हुआ
है
जिससे
खरीफ
खेती
पिछड़
रही
है।
कार्यक्रम
में
किसान
नेता
सुनील
साहू,जनपद
सदस्य
हृदय
सिंह,गोविंदगढ़
सरपंच
रूपनारायण
सिंह
सांवारांवा
सरपंच
धनेश्वर
सिंह,
दरीपारा
सरपंच
राजू
सिंह
मौजूद
रहे।