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दुर्ग: सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा गंभीर हैं आरोप, जानिए पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के नगरी सिहावा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रहीं हैं। विधायक लक्ष्मी ध्रुव को धोखाधड़ी के मामले में जिला न्यायालय ने अग्रिम जमानत देने से साफ इनकार कर दिया है

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दुर्ग, 09 अगस्त। छत्तीसगढ़ के नगरी सिहावा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रहीं हैं। विधायक लक्ष्मी ध्रुव को धोखाधड़ी के मामले में जिला न्यायालय ने अग्रिम जमानत देने से साफ इनकार कर दिया है। दुर्ग जिला न्यायालय ने इस मामले को गंभीर मानते हुए अग्रिम आवेदन को निरस्त कर दिया है।

lakshmi dhruv

डॉ लक्ष्मी धुव ने लगाई थी जमानत याचिका
अपर सत्र न्यायधीश भानू प्रताप त्यागी के कोर्ट में विधायिका पर 420 के तहत अपराध दर्ज कराने वाली पूर्णिमा ठाकुर की ओर से अधिवक्ता बीपी सिंह उपस्थित हुए थे। तो वहीं धोखाधडी के मामले में आरोपी विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव की ओर से अधिवक्ता राजकुमार तिवारी के द्वारा दिए गए अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने 420 को गम्भीर मामला बताते हुए याचिका खारिज कर दी है।

lakshmi dhruv 420

अब हाईकोर्ट में करेंगी अपील
वही जिला न्यायालय में याचिका खारिज होने के बाद विधायक वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाने जा रही है। बता दें कि विधायिका पर एक निजी कॉलेज में डायरेक्टर बनाने के नाम पर 23लाख 50 हजार रुपए लेकर ठगी करने का आरोप है। गर्व इंस्टीयूट में काम कर चुकी पूर्णिमा ठाकुर ने उन पर यह आरोप तमाम दस्तावेजो सहित लगाया है। जिस पर कोर्ट ने थाने में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
जानिए क्या है पूरा मामला
आवेदिका पूर्णिमा ठाकुर के दायर याचिका के अनुसार विधायक लक्ष्मी ध्रुव ने स्वयं को गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पुरई का अध्यक्ष बताते हुए पूर्णिमा ठाकुर से अलग-अलग चेक व नगद के माध्यम से साल 2010 में 23 लाख 50 हजार रुपए जमा कराए है। विधायिका ने पूर्णिमा को भरोसा दिलाते हुए कहा गया था कि समय-समय पर इसका लाभांश मिलने और बाद में नियमित वेतन भत्ता मिलता रहेगा। और उसे डायरेक्टर भी बनाया जाएगा।
दोहरे पद पर रहीं विधायिका
दरअसल विधायिका पर आरोप है कि साल 2010 से 2018 तक गर्व इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अध्यक्ष पद पर थी। इस दौरान उन्हें गर्व इंस्टिट्यूट से आर्थिक लाभ व अन्य लाभ अध्यक्ष के हैसियत से लेतीं रही। लेकिन इससे पहले वे सन 1988 से 1993 तक दुर्ग के शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर शासकीय सेवक के रूप में पदस्थ थी। जिसके बाद साल 2017 में विधायिका लक्ष्मी ध्रुव ने त्यागपत्र दे दिया। यानी साल 2010 से 2017 तक विधायक लक्ष्मी ध्रुव दोहरे पद पर रही। इसके साथ ही विधायक बनने के बाद भी कालेज की मान्यता व अन्य शासकीय फाइलों में हस्ताक्षर किए ।

English summary
Durg: Sihawa MLA Laxmi Dhruv's bail plea rejected, the court said the allegations are serious, know the whole matter
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