देश में सबको अपनी बात रखने का हक है, हिंसा सही नहीं: शत्रुघ्न सिन्हा
भाजपा के केंद्रीय मंत्री नेता वामपंथी छात्र संगठनों और एबीवीपी का विरोध करने वाली छात्रा गुरमेहर पर हमलावर हैं लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा ने सभी को अपनी बात रखने का हक होने की बात कही है।
नई दिल्ली। 22 फरवरी को दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में वामपंथी छात्र संगठन आईसा और आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के बीच टकराव के बाद राजधानी में दोनों संगठनों के छात्रों के बीच लगातार चल रहे तनाव पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और लोकसभा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अपनी राय रखी है। आईसा पर लगातार हमलावर दूसरे भाजपा नेताओं से इतर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ये जो तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है ये लोकतंत्र और युवा पीढ़ी के लिए सही नहीं है।
आइसा के छात्रों के एबीवीपी पर मारपीट के आरोपों पर सिन्हा ने कहा कि 'लोकतंत्र है, जो हमारे खिलाफ हैं, वो दुश्मन नहीं हैं। सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, अगर आप सहमत नहीं हैं तो भी हिंसा सही नहीं है।' आपको बता दें कि छात्र संगठनों का ये टकराव इस समय बड़ा मुद्दा बन चुका है। केंद्रीय मंत्री, नेता, पूर्व क्रिकेटर और फिल्मी सितारे लगातार इसको लेकर राय जाहिर कर रहे हैं। खासतौर से लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर के एबीवीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू करने के बाद उनके विरोध और समर्थन में काफी लोग आ रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और गृह मंत्रालय की स्थायी समिति के चैयरमैन पी चिदंबरम ने रामजस कॉलेज में विवाद के दौरान पुलिस की ओर से जो कार्रवाई की गई, उसकी जानकारी देने के लिए दिल्ली पुलिस को कहा है। वहीं रामजस मुद्दे पर सवाल करने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि ये मुद्दा उनके स्तार का नहीं है। इसका जवाब उनके प्रवक्ता देंगे।
बीते
22
फरवरी
को
रामजस
कॉलेज
में
आयोजित
एक
सेमिनार
में
जेएनयू
के
छात्र
उमर
खालिद
को
बुलाए
जाने
के
विरोध
में
एबीवीपी
के
कार्यकर्ताओं
ने
प्रदर्शन
किया
था।
इसी
दौरान
वामपंथी
छात्र
संगठनों
से
उनकी
झड़प
हुई
थी।
वामपंथी
छात्र
संगठनों
ने
एबीवीपी
पर
मारपीट
और
धमकी
देने
का
आरोप
लगाया
था।
कई
वीडियो
भी
सामने
आए
थे,
जिसमें
पुलिस
और
एबीवीपी
के
लोग
छात्र
और
छात्राओं
के
साथ
मारपीट
करते
दिखे
थे।
इसी
के
विरोध
में
आज
(28
फरवरी)
को
वांमपंथी
संगठनों
ने
मार्च
भी
किया।
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येचुरी
बोले-हम
भारतीय
हैं
यही
हमारा
राष्ट्रवाद
है
ना
ये
कि
कौन
हिंदू
है?