दिल्ली आबकारी नीति मामले में Manish Sisodia का दावा, ED ने पर्सनल असिस्टेंट को गिरफ्तार किया
Delhi Liquor Policy मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कथित तौर पर दिल्ली के Deputy CM Manish Sisodia के पर्सनल असिस्टेंट को गिरफ्तार किया है। खुद सिसोदिया ने दावा किया है। उनके बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि सिसोदिया और किसी भी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ आरोपों की जांच के दौरान कानून अपना काम कर रहा है।

झूठी FIR कर मेरे घर रेड करवाई
Manish Sisodia ने दावा किया है कि ईडी ने उनके पर्सनल असिस्टेंट को गिरफ्तार कर लिया है। बीजेपी ने इस दावे पर कहा कि कानून अपना काम कर रहा है। एक ट्वीट में सिसोदिया ने कहा, इन्होंने झूठी FIR कर मेरे घर रेड करवाई, बैंक लॉकर तलाश लिए, मेरे गांव में जांच कर ली लेकिन मेरे खिलाफ कहीं कुछ नहीं मिला आज इन्होंने मेरे PA के घर पर ईडी की रेड करी।

भाजपा पर चुनावी हार से डरने का आरोप
बकौल सिसोदिया, मेरे पास कुछ भी नहीं मिला तो अब पीए को गिरफ़्तार कर के ले गई है। बीजेपी पर प्रतिशोध लेने का आरोप लगाते हुए सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा वालों ! चुनाव में हार का इतना डर..।' सिसोदिया के इस दावे पर बीजेपी ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है।
AAP ने कहा- दिल्ली में ऑपरेशन लोटस की आशंका
इससे पहले 17 अक्टूबर को सिसोदिया को राष्ट्रीय राजधानी में सीबीआई मुख्यालय बुलाकर नौ घंटे तक पूछताछ की गई थी। शनिवार को अपने आवास पर समन के बाद मीडिया से बात करते हुए, सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ मामला किसी घोटाले की जांच करने के लिए नहीं बल्कि "ऑपरेशन लोटस को दिल्ली में सफल बनाने" के लिए था।
भाजपा ने कहा, AAP छोड़ने का प्रलोभन
सिसोदिया ने कहा, "मुझे सीबीआई कार्यालय के अंदर AAP छोड़ने के लिए कहा गया था। ऐसा नहीं करने पर मेरे खिलाफ मामले दर्ज होते रहने की धमकी दी गई। बकौल सिसोदिया, 'मुझे पूछा गया कि सत्येंद्र जैन के ऊपर कौन से सच्चे मामले हैं ?' ... मैंने जवाब दिया कि मैं भाजपा के लिए AAP नहीं छोड़ूंगा। उन्होंने प्रलोभन दिया कि बीजेपी मुझे मुख्यमंत्री बनाएगी।"
सिसोदिया के खिलाफ जांच जारी रहेगी
हालांकि, सीबीआई ने ऐसे सभी आरोपों का खंडन किया है। सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ लगे आरोपों के आधार पर "पेशेवर और कानूनी तरीके" से जांच की गई। CBI ने पुष्टि की है कि कानून के अनुसार आबकारी नीति मामले में सिसोदिया के खिलाफ जांच जारी रहेगी।
शराब के टेंडर में अनुचित लाभ के आरोप
बता दें कि विगत अगस्त में, प्रवर्तन एजेंसियों ने दिल्ली की आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में सिसोदिया के आधिकारिक आवास सहित कई अन्य स्थानों पर भी तलाशी ली थी। सिसोदिया दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के प्रभारी हैं। उनके खिलाफ जानबूझकर और घोर प्रक्रियात्मक चूक के आरोपों के तहत जांच की जा रही है। उन पर आरोप लगाया गया कि वर्ष 2021-22 के लिए शराब लाइसेंसधारियों के लिए टेंडर प्रक्रिया में उन्होंने अनुचित लाभ प्रदान किए।
किन आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज हैं
आबकारी नीति मामले में सिसोदिया के अलावा अन्य आरोपियों में Pernod Ricard के पूर्व कर्मचारी मनोज राय भी शामिल हैं। इनके अलावा Brindco Sales के निदेशक अमनदीप ढल; Buddy Retail के निदेशक अमित अरोड़ा और दिनेश अरोड़ा; महादेव शराब के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता सनी मारवाह, अरुण रामचंद्र पिल्लई और अर्जुन पांडे के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।
क्या हैं आरोप, उपराज्यपाल की सिफारिश पर FIR
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गई और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिए गए। लाइसेंस शुल्क माफ या कम कर एल -1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन बिना जारी कर दिया गया। लाभार्थियों ने "अवैध" तरीके से अर्जित लाभ आरोपी अधिकारियों के साथ बांटे और मामले को छिपाने के लिए अपने अकाउंट्स में झूठी प्रविष्टियां कीं। रिपोर्ट के मुताबिक इससे कथित तौर पर सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। तमाम आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की सिफारिश पर FIR दर्ज की गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संदर्भ पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।