दिल्ली न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

दिल्ली HC ने दी 14 साल की दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति, जानिए अदालत ने क्या कहा?

दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिक दुष्कर्म पीड़िता के मामले में अहम निर्णय दिया। अदालत ने कहा कि यौन उत्पीड़न के मामले में पीड़िता को मातृत्व की जिम्मेदारी से बांधना मानव अधिकार से वंचित करने जैसा होगा।

Google Oneindia News

Delhi High Court

दिल्ली हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को एक नाबालिक दुष्कर्म पीड़िता के मामले में अहम निर्णय दिया। अदालत ने दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई नाबालिग की याचिका पर अपने आदेश में कहा कि कोई भी यह सोच कर कांप जाएगा कि जिस पीड़िता के गर्भ में इस तरह का भ्रूण है वह हर दिन किस स्थिति से गुजर रही होगी? ऐसे स्थिति में लगातार उस यौन हमले की याद के दौर से वो गुजरेगी।

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) सोमवार को एक ऐसी याचिका पर सुनवाई कर रहा था जो एक 14 वर्षीय लड़की के दुष्कर्म से जुड़ी थी। याचिका में 25 सप्ताह गर्भ का समाप्त करने की मांग की गई थी। दरअसल, लड़की दुष्कर्म पीड़िता है और इसकी वजह से वो गर्भवती हो गई थी। चूंकी गर्भ 24 सप्ताह से अधिक का था, इसलिए यौन उत्पीड़न के मामले में गर्भपात कराना अनुमति से परे हो चुका था।

मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पीड़िता का याचिका सोमवार को स्वीकार कर ली। अदालत ने अपने आदेश में कहा, यौन उत्पीड़न के मामले में, पीड़िता को मातृत्व की जिम्मेदारी के साथ बांधना उसके सम्मान के साथ जीने के मानव अधिकार से वंचित करने जैसा होगा। कोर्ट ने कहा कि एक महिला को अनिवार्य रूप से प्रसव का विकल्प और निर्णय लेने का अधिकार है जो उसकी शारीरिक अखंडता और स्वायत्तता से संबंधित हैं।

अदालत ने अपने निर्णय में ये भी नोट किया कि संविधान के अनुच्छेद 21 में हमेशा सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार प्राप्त है। कोर्ट ने माना कि नाबालिग दुष्कर्म की शिकार है। मामलों में गर्भावस्था की समाप्ति, वर्तमान की तरह, को केवल यौन उत्पीड़न वाली महिला के अधिकार के रूप में परिभाषित करने के लिए कम नहीं किया जा सकता है। अदालत ने कहा कि नाबालिग बच्चे को जन्म देने और पालने का बोझ उठाने की उम्मीद करना उचित नहीं होगा।

गणतंत्र दिवस: हरियाणा के इस गांव में नहीं फहराया गया तिरंगा, आखिर क्यों यहां के लोग खुद को मानते हैं गुलामगणतंत्र दिवस: हरियाणा के इस गांव में नहीं फहराया गया तिरंगा, आखिर क्यों यहां के लोग खुद को मानते हैं गुलाम

Recommended Video

Delhi Mayor Election| जानिए क्यों Supreme Court पहुंचा दिल्ली मेयर का मामला? | वनइंडिया हिंदी

याचिका पर निर्णय देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 सप्ताह से अधिक गर्भावस्था वाले मामलों में बलात्कार पीड़िताओं की चिकित्सा जांच के लिए दिशानिर्देश जारी किए। साथ ही यौन उत्पीड़न की शिकार महिला की चिकित्सकीय जांच के समय मूत्र गर्भावस्था परीक्षण (शटरस्टॉक) कराना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने कहा कि यौन उत्पीड़न पीड़िता पर मातृत्व की जिम्मेदारी डालने से उसे गरिमा के साथ जीने के मानवाधिकार से वंचित करना होगा।

Comments
English summary
Delhi HC allows abortion to 14-year-old dushkarm victim
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X