किसानों की घर वापसी की फैलाई जा रही अफवाह, मुकदमे हटे बिना कोई यहां से नहीं जाएगा: राकेश टिकैत
नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरों में बैठे किसानों के घर लौटने की बात को नकार दिया। राकेश टिकैत ने आज कहा कि, किसानों की घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है। ऐसा नहीं होने जा रहा। जैसा कि मैं बता चुका हूं कि हमें एमएसपी चाहिए..और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा।"
राकेश
टिकैत
बोले
कि,
"4
दिसंबर
को
हमारी
बैठक
है..उसमें
हम
फैसला
लेंगे।
सरकार
के
लिए
हम
पहले
ही
कह
चुके
हैं
कि
वो
किसान
आंदोलनकारियों
से
मुकदमे
वापस
ले।
हमसे
बात
करे।"
इससे
पहले
टिकैत
ने
संसद
में
शुरू
हुए
शीतकालीन
सत्र
को
लेकर
बयान
दिया
था।
टिकैत
ने
कहा
कि,
जब
तक
संसद
का
सत्र
चलेगा
तब
तक
सरकार
के
पास
सोचने
और
समझने
का
समय
है।
उन्होंने
कहा,
"आगे
आंदोलन
कैसे
चलाना
है
उसका
फ़ैसला
हम
संसद
चलने
पर
लेंगे।"
टिकैत ने किसानों की फसल ब्रिकी पर कहा कि, किसान जो फसल बेचता है उसे वह कम कीमत पर बेच पाता है, जिससे बड़ा नुक़सान होता है। ऐसे में हमारे लिए एमएसपी एक बड़ा सवाल है, उस पर भी क़ानून बने। अभी हम बातचीत करेंगे, यहां से कैसे जाएंगे। क्योंकि, अभी बहुत से क़ानून सदन में है, उन्हें फिर ये लागू करेंगे। उस पर हम बातचीत करना चाहते हैं। हमारी संयुक्त किसान मोर्चा की एक और मीटिंग है। जो भी उसमें निर्णय लिया जाएगा उसके बाद ही हम कोई बयान देंगे।''
बकौल राकेश टिकैत, "किसान आंदोलनकारियों की ओर से हमने सरकार के समक्ष मांगे रखीं हैं। सरकार उन मांगों को पूरा करे, इसके लिए उसे हमने 26 जनवरी तक का समय दिया है। हमारा धरनास्थल खाली नहीं होगा, बल्कि आने वाले 29 नवंबर को हम किसान भाइयों के साथ 60 ट्रैक्टर लेकर संसद भवन की ओर मार्च करेंगे।"
पत्रकारों द्वारा यह कहे जाने पर कि सरकार ने तो कानून वापस ले लिए हैं, तब उन्होंने कहा कि, "हां..सरकार ने तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला किया है, लेकिन इससे हमारा समाधान नहीं होगा। सरकार को किसानों से बात करनी होगी।"