Video : 15 साल बाद रिहा हुआ ददुआ गैंग का मास्टरमाइंड राधे, बोला- नर्क से भी बदतर है डकैत की जिंदगी
तीन दशक से अधिक समय तक पाठा के बेताज बादशाह रहे डकैत बादशाह शिवकुमार कुर्मी उर्फ ददुआ का दाहिना हाथ राधे जेल से बाहर आ गया। वह 15 साल पहले सतना पुलिस की गिरफ्त में आया था।
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में तीन दशक तक तराई में आतंक का पर्याय रहे दस्यु सम्राट ददुआ गैंग के मास्टरमाइंड व गनर कहे जाने वाले राधे उर्फ सूबेदार पटेल की 14 वर्ष 11 माह बाद जेल की सलाखों से बाहर आ गया है। बता दें, चित्रकूट जनपद में दस्यु सम्राट ददुआ गैंग का तीन दशकों तक आतंक रहा है। मायावती की बीएसपी सरकार में एसटीएफ ने इस गैंग के सात डकैतों को मार गिराया था।
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इस गैंग के मास्टरमाइंड व गनर कहे जाने वाला राधे उर्फ सूबेदार पटेल सदर कोतवाली एरिया के सपहा गांव का रहने वाला है। दस्यु सम्राट ददुआ के साथ अपराध की स्याह दुनिया में कदम रखने के बाद इस गैंग ने कई खौफ़नाक घटनाओं को अंजाम दिया था। उसने अपने रुतबे से गैंग में मास्टरमाइंड का दर्जा हासिल कर लिया था। ददुआ के एसटीएफ के हाथों मारे जाने के बाद 24 फरवरी 2008 को राधे उर्फ सूबेदार पटेल ने अपने चार डाकुओं के साथ एमपी सतना जिले के बरौंधा थाने में सरेंडर किया था।
इस पर लूट, हत्या, डकैती जैसे गंभीर आपराध के 100 से ज्यादा संगीन अपराध न्यायालय में विचाराधीन थे। करीब 8 घटनाओं में जिला न्यायालय ने दोषी करार देते हुए उम्र कैद और फांसी की सजा भी सुनाई थी। निचली अदालत के इस फैसले को आरोपी डकैत ने उच्च न्यायालय में चुनौती थी। जिस पर अदालत ने उसकी रिहाई के आदेश जारी किए। इसके बाद सोमवार देर शाम इनामी डकैत राधे और सूबेदार की रिहाई हो गई है।
पूर्व डकैत राधे के जेल से बाहर निकलते ही लोगों ने फूल माला पहनाकर उसका स्वागत किया। लगभग 15 सालों के बाद जेल से बाहर निकलने के बाद इनामी डकैत रहे राधे उर्फ सूबेदार का कहना है कि अब वह सामाजिक जीवन जिएगा और समाज की सेवा करेगा। आगे बोला डकैत का जीवन नर्क से भी बदतर है, पूर्व में किए हुए अपराधों के लिए पश्चाताप है।