छत्तीसगढ़ में शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलिवरी को मंजूरी, सरकार दे रही है ये तर्क
रायपुर, 9 मई: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासित सरकार ने कोरोना के कहर के बीच शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलिवरी की इजाजत दे दी है। रविवार को राज्य सराकर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 10 मई यानी सोमवार से राज्य में सुबह 9 बजे से रात 8 बजे के बीच शराब की हो डिलिवरी होगी। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में छत्तीसगढ़ सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक है। शनिवार को भी वहां 12,239 नए मामले सामने आए हैं और 223 लोगों ने दम भी तोड़ दिया है। यही नहीं राज्य में ऐक्टिव केस की संख्या भी बढ़कर 1,30,859 हो चुकी है और रोजाना रिकवरी के मामले अभी भी रोज सामने आने वाले संक्रमण से कम हैं। यही वजह है कि राज्य की विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के इस फैसले को असंवेदनशील और गैरजिम्मेदार बताया है, लेकिन कांग्रेस सरकार अपने आदेश के बचाव में अजीब तरह के तर्क दे रही है।
एक आदमी 5 लीटर शराब घर मंगवा सकता है
छत्तीसगढ़ सरकार ने रविवार को जारी आदेश में कहा है कि सीएसएमसीएल की वेबसाइट या इसकी ऐप पर एक व्यक्ति 5 लीटर तक शराब बुक कर सकता है और शराब की दुकान से 15 किलोमीटर के दायरे में 100 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करके होम डिलिवरी भी मंगवा सकता है। लेकिन, बघेल सरकार का यह फैसला विपक्षी बीजेपी के हलक से नीचे नहीं उतर रहा है। पार्टी के प्रवक्ता गौरी शंकर ने प्रदेश में दवाइयों,इंजेक्शन या ऑक्सीजन की किल्लत का हवाला देकर कहा है, 'मौजूदा हालात में प्रदेश को दवा की जरूरत है, दारू की नहीं....लेकिन सरकार बेशर्म है....राज्य सरकार का यह सबसे बेपरवाह फैसला है और जनता के हित में नहीं है। सरकार को शराब पर कमीशन की चिंता है, सामान्य लोगों की नहीं....'
छत्तीसगढ़ प्रशासन दे रहा है ये तर्क
लेकिन, छत्तीसगढ़ सरकार की दलील ही अलग है। राज्य के अधिकारियों ने कहा है कि दारू की होम डिलिवरी से लॉकडाउन के दौरान जब शराब दुकानें बंद रहेंगी, इसके अवैध निर्माण, बिक्री, इधर-उधर ले जाने और जमाखोरी रोकने में मदद मिलेगी। राज्य के उत्पाद शुल्क विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, 'होम डिलिवरी के लिए सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक का समय फिक्स कर दिया गया है। जिला प्रशासन स्थानीय स्थिति के मुताबिक समय में बदलाव कर सकता है। छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) यह तय करेगा कि किस शराब दुकान से होम डिलिवरी होगी और खरीदारों को एडवांस में भुगतान करना होगा........'
कांग्रेस सरकार की दलील
राज्य के उत्पाद मंत्री कवासी लखमा ने भी इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा है कि इससे दूसरे राज्यों से शराब तस्करी रोकने में मदद मिलेगी। उनके मुताबिक, 'क्योंकि राज्य में पिछले करीब दो महीनों से कोविड-19 कर्फ्यू लगा हुआ है, शराब की दुकानें भी बंद हैं। इसकी वजह से दूसरे राज्यों से शराब की अवैध तस्करी का रास्ता खुल गया है। हमारी पुलिस फोर्स इसे रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। दूसरा, शराब दुकान बंद रहने के चलते जहरीली, लोकल और सीरप पीने से मौत होने की कई घटनाएं सामने आई हैं।' दरअसल, लखमा हाल में बिलासपुर में हुई उस घटना की ओर इशारा कर रहे थे, जिसमें शराब की जगह सीरप पीने से 9 लोगों की मौत हो गई थी।
वैक्सीन की जगह लोगों के घर शराब पहुंचा रही है सरकार-विपक्ष
उधर जेसीसी के चीफ अमित जोगी ने दावा किया है कि मौजूदा सरकार की प्राथमिकता बदल गई है। उन्होंने कहा है, 'यह वही सरकार है, जो राज्य में शराबबंदी के नामपर सत्ता में आई है और लेकिन जब लोगों को वैक्सीन की आवश्यकता है तो यह घरों तक शराब पहुंचा रही है।' स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 8,42,356 तक पहुंच चुके हैं और कुल 10,381 लोगों की इसकी वजह से मौत हो चुकी है।(शराब की तस्वीरें- सांकेतिक)