कोरोना से पहले पिता फिर मां और उसके बाद दो बेटों ने तोड़ा दम, घर में बची बहू और उसके दो बच्चे
दुर्ग। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण खतरनाक होता जा रहा है। पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना महामारी ने कई परिवारों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से भी ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है, जहां 10 दिन पहले घर के मुखिया की मौत हुई थी। इसके ठीक पांच दिन बाद बेटों ने दम तोड़ दिया और 9 दिन बाद उनकी पत्नी की भी कोरोना के चलते मौत हो गई।
भिलाई के सेक्टर-4 में निवासी 78 वर्षीय हरेंद्र सिंह रावत की कोरोना के चलते 16 मार्च को मौत हो गई। इसके बाद उनके बड़े बेटे 51 वर्षीय मनोज सिंह रावत भी कोरोना के चपेट में आ गए। इसके बाद उन्हें रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान ही 21 मार्च को उन्होंने दम तोड़ दिया।
हरेंद्र की पत्नी कौशल्या रावत (70) महामारी से 25 मार्च की सुबह चल बसीं। इस दिन शाम को छोटे बेटे 44 वर्षीय मनीष की भी मौत हो गई। अब परिवार में हरेंद्र की एक बहू और उसके 2 बच्चे बचे हैं। वे भी संक्रमित हैं।
हरेंद्र
को
लग
चुका
था
वैक्सीन
का
पहला
डोज
पीड़ित
रावत
परिवार
के
रिश्तेदार
प्रहलाद
सिंह
बिष्ट
ने
बताया
कि
मनोज
सिंह
रावत
को
4
मार्च
को
वैक्सीन
का
पहला
डोज
लग
चुका
था।
रावत
परिवार
के
सदस्यों
की
अचानक
मौत
से
सभी
सदमें
में
है।
बिष्ट
ने
राज्य
सरकार
से
आर्थिक
सहायता
की
गुहार
लगाई
है।
दुर्ग
जिले
में
कोरोना
हो
रहा
बेकाबू
प्रदेश
में
सबसे
ज्यादा
दुर्ग
जिले
लोग
संक्रमित
हो
रहे
हैं।
पिछले
एक
सप्ताह
में
3921
लोग
संक्रमित
हुए
और
35
लोगों
की
जान
गई।
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