छत्तीसगढ़ः आयकर विभाग की छापेमारी से केंद्र और प्रदेश सरकार हुई आमने-सामने, सीएम बघेल ने लगाए आरोप
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में इन दिनों बदले की सियासत गरमायी हुई है। एक तरफ जहां आयकर विभाग के अधिकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ राज्य की पुलिस ने उन 19 कारों को जब्त कर लिया, जिसे छापेमारी के लिए कथित तौर पर आयकर अधिकारियों ने किराये पर लिया था। यह छापेमारी की कार्रवाई केंद्र बनाम राज्य का मामला बनता जा रहा है।

छापेमारी की टीम में आधा दर्जन अधिकारी और सीआरपीएफ जवान शामिल हैं। बीते शुक्रवार को दोपहर में सौम्या चौरसिया के बंगले पर छापा मारा। वहीं जगदलपुर में भी आयकर विभाग ने दो कारोबारियों के ठिकाने पर छापेमारी की। छापे की कार्रवाई के बाद पुलिस ने 19 गाड़ियों को जब्त कर लिया। पुलिस का कहना है कि आगामी एक मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रायपुर दौरे को ध्यान में रखते हुए वो वाहनों की जांच कर रहे थे। सारी गाड़ियां नो-पार्किंग जोन में खड़ी थीं।
इसलिए उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक जुर्माना वसूल किया और वाहनों को छोड़ दिया। वहीं भाजपा के नेताओं ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया और प्रदेश की पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस इनकम टैक्स के छापे को बाधित कर रही है। गुरुवार की आयकर विभाग ने कथित तौर पर प्रदेश के वाणिज्य और उद्योग विभाग में संयुक्त सचिव एके टुटेजा, सेवानिवृत आईएएस अधिकारी और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, रायपुर के मेयर एजाज ढेबर, शराब कारोबारी पप्पू भाटिया, पूर्व विधायक गुरुचरण शरण होरा की संपत्तियों पर छापा मारा।
दो दिनों से कथित आयकर छापे के नाम पर छत्तीसगढ़ में दहशत का माहौल है।
केंद्र की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र कर रही है।
लगातार हार की ऐसी हताशा?? ये है असली बदलापुर।
हमने राज्यपाल को ज्ञापन देकर संरक्षण देने और हस्तक्षेप करने की मांग की है। pic.twitter.com/5LiL117CEp
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 28, 2020
आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा भूपेश बघेल सरकार के करीबी हैं और उनकी शिकायत पर ही कांग्रेस सरकार ने नागरिक अपूर्ति निगम घोटाले की जांच के लिए एक विशेष दल का गठन किया था, जिसे आमतौर पर नान घोटाले के रूप में जाना जाता है। इस छापेमारी में दिल्ली से तीन सौ से अधिक अधिकारियों की एक टीम जुटी थी। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ सर्किल के अधिकारियों को कार्रवाई से दूर रखा गया था।
छापेमारी की कार्रवाई के बाद भूपेश बघेल ने राज्यपाल से मुलाकात की और ट्वीट कर आरोप लगाया कि दो दिनों से कथित आयकर छापे के नाम पर छत्तीसगढ़ में दहशत का माहौल है। केंद्र की भाजपा सरकार छत्तीलगढ़ की सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र कर रही है। उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन देकर संरक्षण देने और हस्तक्षेप करने की मांग की है।