तीसरे किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अब इस शख्स के शरीर में हैं कुल पांच किडनियां
मद्रास मेडिकल मिशन अस्पताल की टीम ने एक व्यक्ति का तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट किया है और चौंकाने वाली बात ये है कि यह ट्रांसप्लांट सफल रहा और अब शख्स के पेट में एक दो नहीं पूरी पांच किडनियां हैं।
चेन्नई, 11 अगस्त। मद्रास मेडिकल मिशन अस्पताल की टीम ने एक व्यक्ति का तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट किया है और चौंकाने वाली बात ये है कि यह ट्रांसप्लांट सफल रहा और अब शख्स के पेट में एक दो नहीं पूरी पांच किडनियां हैं। जी हां, ठीक सुना आपने पूरी पांच किडनियां। व्यक्ति का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की टीम ने कहा कि पांचवी किडनी फिट करने के लिए व्यक्ति के शरीर में जगह नहीं थी, लेकिन उसे बचाना था, आखिरकार बड़ी मशक्कत के बाद उसके पेट में जगह बनाई गई और 5वीं किडनी को फिट किया गया।
पहले दो बार फेल हो चुका था ट्रांसप्लांट
शख्स के शरीर में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले डॉ. एस सरवनन ने कहा कि उच्च रक्तचाप के कारण पहली दो सर्जरी फेल हो चुकी थीं। ऐसे में हमें और सावधानी बरतनी पड़ी। ऊपर से मरीज की हाल ही में ट्रिपल बाईपास सर्जरी भी हुई थी।
डॉक्टरों को करना पड़ा कई चुनौतियों का सामना
यह मरीज का रिकॉर्ड तीसरी बार किडनी ट्रांसप्लांट था, जो सफल रहा। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसका कारण यह था कि मरीज के शरीर में किडनी फिट करने के लिए जगह की भारी कमी थी। इसके साथ नई किडनी से जुड़ने के लिए उसके शरीर में रक्त वाहिकाओं की भी कमी थी, इसके अलावा पिछली सर्जरी के कारण रोगी के शरीर में बुहत अधिक मात्रा में एंटीबॉडी विकसित हो रही थी। ज्यादा एंटीबॉडी विकसित होने से उसका शरीर नई किडनी को स्वीकार करने से मना कर सकता था। जिसको काबू करना बेहद जरूरी था। रोगी को कोई परेशानी न आए इसलिए टीम ने पारंपरिक प्रक्रिया के विपरित किडनी को उदर गुहा में आंतों के करीब फिट किया।
क्यों नहीं निकाली गईं पुरानी किडनी
किडनी ट्रांसप्लांट में खराब किडनी को शरीर से बाहर नहीं निकाला जाता, क्योंकि ऐसे में मरीज के शरीर से ज्यादा मात्रा में खून निकलने का खतरा रहता है और उसे खून चढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है और मरीज की जान को खतरा पैदा हो सकता है। सफल सर्जरी के बाद डॉ. सरवनन ने कहा कि यह एक बेहद असामान्य सर्जरी थी, मैं चाहता हूं कि इस पर जल्द से जल्द कोई पेपर प्रकाशित किया जाए। उन्होंने कहा कि मरीज को कुछ समय के लिए डॉक्टरों की देख रेख में ही रखा जाएगा।