हरियाणा: स्थानीय लोगों के लिए 75% नौकरियां आरक्षित करने का कानून जनवरी, 2022 से होगा प्रभावी
हरियाणा में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां आरक्षित करने का कानून 15 जनवरी, 2022 से प्रभावी हो जाएगा।
चंडीगढ़, 6 नवंबर। हरियाणा में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां आरक्षित करने का कानून 15 जनवरी, 2022 से प्रभावी हो जाएगा। 6 नवंबर को राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में इस बात की जानकारी दी गयी। इस कानून के प्रभावी होते ही प्राइवेट कंपनियां अपने यहां हरियाणा के 75% लोगों को नौकरी देने के लिए बाध्य हो जाएंगी।
हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोजगार विधेयक, 2020, पिछले साल नवंबर में राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया था। राज्यपाल एसएन आर्य ने 26 फरवरी को विधेयक को मंजूरी दी थी। कानून के मुताबिक निजी क्षेत्र में 75 फीसदी नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित होनी चाहिए। हालांकि, कोटा केवल उन नौकरियों के लिए लागू होगा जो 50,000 रुपये तक का सकल मासिक वेतन प्रदान करते हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ ने जताया था विरोध
इसी साल मार्च में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने इस कानून का यह कहते हुए विरोध किया था कि यह कानून प्राइवेट सेक्टर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। आईटी क्षेत्र और तकनीकी उद्योग ने भी कानून के खिलाफ चिंता व्यक्त की थी और दावा किया था कि इससे गुणवत्तापूर्ण प्रतिभा तक पहुंच सीमित हो जाएगी। इस बात पर भी चिंता व्यक्त की गई थी कि इस फैसले से नौकरियां देने वाली कुछ कंपनियां गुरुग्राम से पड़ोसी राज्यों जैसे दिल्ली, नोएडा या जयपुर में भी शिफ्ट हो सकती हैं।
मनोहर
लाल
खट्टर
को
देनी
पड़ी
थी
सफाई
हालांकि
मुख्यमंत्री
मनोहर
लाल
खट्टर
ने
कानून
में
उल्लेखित
वेतन
सीमा
की
ओर
इशारा
करते
हुए
कंपनियों
की
आपत्तियों
को
दूर
करने
का
प्रयास
किया
था।
उन्होंने
सुझाव
दिया
कि
केवल
50,000
रुपए
मासिक
वेतन
की
पेशकश
वाली
नौकरियों
के
लिए
कोटा
सीमित
करके
कानून
बड़े
पैमाने
पर
केवल
अकुशल
और
अर्ध-कुशल
श्रमिकों
को
लाभ
देगा।
एक
मीडिया
चैनल
से
बातचीत
में
खट्टर
ने
कहा
कि
आरक्षण
नियम
केवल
गैर-तकनीकी
नौकरियों
के
लिए
लागू
होगा।
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जेजेपी
ने
पूरा
किया
वादा
बता
दें
कि
जननायक
जनता
पार्टी
ने
2019
के
चुनावों
से
पहले
स्थानीय
आबादी
के
लिए
तीन
चौथाई
आरक्षण
देने
का
वादा
किया
था
और
बीजेपी
के
साथ
गठबंधन
की
सरकार
बनाकर
पार्टी
ने
अपना
वादा
पूरा
किया।
जेजेपी
नेता
और
राज्य
के
उपमुख्यमंत्री
दुष्यंत
चौटाला
ने
राज्य
विधानसभा
में
कानून
पेश
करते
हुए
कहा
था
कि
हरियाणा
में
उच्च
बेरोजगारी
दर
को
रोकने
के
लिए
यह
कानून
काफी
महत्वपूर्ण
साबित
होगा।