पंजाब में मंत्रिमंडल फेरबदल की तैयारी, बदलेगा सिद्धू का विभाग, दो विधायक बनेंगे मंत्री
चंडीगढ़। लोकसभा चुनावों में मिशन 13 के नाकाम रहने के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी सरकार के मंत्रियों-विधायकों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। चुनावों के दौरान कैप्टन ने साफ कर दिया था कि चुनावों में जो मंत्री व विधायक अपने इलाके से कांग्रेस को बढ़त नहीं दिला पाएंगे, उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। चुनाव नतीजों के बाद पार्टी को 13 में से आठ ही सीटें मिली हैं, तो अब एक्शन लेने की तैयारी कैप्टन ने कर ली है। चंडीगढ़ में राज्य सचिावालय में चर्चा जोर पकड़ रही है कि कैप्टन सरकार से चार मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाएगा व तीन नए मंत्री बनेंगे। इसके लिए कैप्टन नई दिल्ली में पार्टी आलाकमान से अपने दौरे के दौरान मंजूरी लेकर आए हैं।
सिद्धू का नाम सबसे ऊपर
संभावित कार्रवाई में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का नाम सबसे ऊपर है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मतगणना वाले दिन ही सिद्धू के खिलाफ खुले तौर पर पहली बार सख्त बयान दिया था। कहा था कि सिद्धू शहरी विकास मंत्री के तौर पर कोई बेहतर काम नहीं कर सके हैं। इसके बाद दूसरे मंत्रियों ने भी सिद्धू को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग शुरू कर दी थी। इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी, विजयइंदर सिंगला और सुंदर श्याम अरोड़ा पर भी गाज गिरना तय है। अरुणा चौधरी पठानकोट के दीनानगर हलके से विधायक हैं और गुरदासपुर संसदीय सीट से सुनील जाखड़ को इस हलके से पर्याप्त वोट नहीं मिल सके। विजयइंदर सिंगला संगरूर विधानसभा सीट से आते हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान आप के भगवंत मान ने संगरूर हलके से शानदार बढ़त हासिल की। वहीं, सुंदर श्याम अरोड़ा होशियारपुर हलके से विधायक हैं, जहां इस बार चब्बेवाल से कांग्रेस विधायक डॉ. राजकुमार को लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। पंजाब में पांच मंत्रियों और 24 विधायकों के क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवारों की विरोधियों के मुकाबले लीड कम हुई है। मुख्यमंत्री शहरी क्षेत्र में वोट कम होने को गंभीरता से ले रहे हैं।
कौन लेगा सिद्धू की जगह?
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री दफ्तर से संबंधित उच्च अधिकारियों ने इस संबंधी मंत्रियों के विभागों की कारगुजारी को लेकर होमवर्क शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि सिद्धू का विभाग बदला जाता है तो दूसरे नंबर के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा या फिर शिक्षा मंत्री ओपी सोनी को उनका विभाग दिया जा सकता है। सिद्धू को शिक्षा विभाग दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा का शहरी विकास विभाग तबदील कर उन्हें बराबर का विभाग देने की चर्चा है। वोटों की कारगुजारी के आधार पर मंत्रियों के विभाग बदले गए तो मनप्रीत बादल का वित्त, अरूणा चौधरी का ट्रांसपोर्ट, शाम सुंदर अरोड़ा का इंडस्ट्री और विजय इंद्र सिंगला के लोक निर्माण विभाग में फेरबदल होने की पूरी संभावना है।
कुलजीत सिंह नागरा को मंत्री बनाए जाने की तैयारी!
हालांकि, इन तीन मंत्रियों के अलावा बठिंडा से मनप्रीत सिंह बादल, संगरूर सीट के तहत मालेरकोटला से रजिया सुल्ताना और गुरदासपुर सीट के तहत डेरा बाबा नानक के सुखजिंदर सिंह रंधावा और फतेहगढ़ चूड़ियां से तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा भी आते हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इन पर गाज अभी नहीं गिरेगी। वहीं, फतेहगढ़ साहिब से विधायक कुलजीत सिंह नागरा को मंत्री बनाए जाने की तैयारी है, उनके हलके से कांग्रेस प्रत्याशी अमर सिंह ने शानदार जीत दर्ज की है। और राजा वंडिंग जो बठिंडा से चुनाव हारने के बावजूद अपने विधायक हलके के वोट हासिल करने में सफल रहे, उन्हें भी मंत्री बनाया जा रहा है।
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