क्या भारत के लोगों के लिए क्रिप्टो करेंसी में निवेश सुरक्षित है या लग सकता है प्रतिबंध
नई दिल्ली, 02 जून। कोरोना काल में निवेशक नए-नए विकल्प की तलाश कर रहे हैं। पहले गोल्ड और रियल स्टेट को सुरक्षित निवेश माना जाता था और अब भी एक बड़ा तबका इस क्षेत्र में निवेश पर ही भरोसा करता है। लेकिन पिछले कुछ समय में शेयर मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में निवेशकों की आमद में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि पिछले एक साल में शेयर मार्केट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली और सेंसेक्स में लगभग दोगुना तेजी अबतक आ चुकी है, जिसको लेकर हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में आगाह किया था यह कि गुबार जल्द फूट सकता है। शेयर बाजार के बाद क्रिप्टो करेंसी में कई गुने की बढ़त देखने को मिल रही है।
आरबीआई ने बैंको को दिया निर्देश
पिछले कुछ दिनों में क्रिप्टो करेंसी में डील करने वाली एजेंसियों को बैंक के साथ काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ रहा था। कई बैंकों ने क्रिप्टो करेंसी के लिए बैंकिंग सेवाएं देने से इनकार कर दिया। बैंकों ने आरबीआई के 2018 के ऑर्डर का हवाला देते हुए यह सेवाएं देने से इनकार किया, लेकिन अब रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक क्रिप्टोकरेंसी ग्राहकों को सेवा देने से इनकार नहीं करे। बता दें कि 2018 के आरबीआई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च माह में दरकिनार कर दिया था, यही वजह है कि आरबीआई की ओर से बैंकों को कहा गया है कि वह पुराने ऑर्डर का हवाला देकर क्रिप्टोकरेंसी के ग्राहकों को सेवा देने से इनकार नहीं करें। हालांकि इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों को कहा है कि वह बाकी के दिशा-निर्देशों का पालन करते रहें और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एंड प्रीवेंशन ऑफ टेररिज्म के नियमों का पालन क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडर्स के साथ करें।
क्या था आरबीआई का सर्कुलर
बता दें कि अप्रैल 2018 में आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी करके तमाम बैंकों को निर्देश दिया था कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि ग्राहक क्रिप्टोकरेंसी में बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करे। लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी की वैद्यता को लेकर चल रही बहस के बाद आरबीआई ने यह सर्कुलर जारी किया था। आरबीआई की ओर से कई बार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिम को लेकर निवेशकों को आगाह किया गया। आरबीआई ने रुपए के निवेश को क्रिप्टोकरेंसी में प्रतिबंधित भी कर दिया था। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस फैसले को पलट दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों बदला आरबीआई का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त को लेकर देश में कोई कानून नहीं है, लिहाजा आरबीआई इसपर प्रतिबंध नहीं लगा सकता है और लोगों को इसमे निवेश करने से रोक नहीं सकता है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की पाबंदी लगाने से लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन होगा। लोगों को ऐसी किसी भी ट्रेडिंग से रोका नहीं जा सकता है जोकि गैरकानूनी ना हो। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सुरक्षित है और भविष्य में इस क्षेत्र में निवेश में किसी भी तरह का जोखिम नहीं है। तो इसका जवाब है नहीं, क्रिप्टो करेंसी का भविष्य अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।
क्या भविष्य में SC कर सकता है दखल
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के फैसले को सिर्फ इसलिए पलटा क्योंकि आरबीआई के फैसले का कोई कानूनी आधार नहीं था। क्रिप्टो करेंसी की खरीद और बेच के लिए देश में कानून नहीं होने की वजह से इसपर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है, यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए इस पाबंदी को हटा दिया। लेकिन अगर आने वाले दिनों में क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार संसद में अध्यादेश लेकर आती है और इसे संसद से पास करा लिया जाता है तो क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश में एक कानून होगा। लिहाजा अगर नए कानून में अगर क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाई जाती है तो सुप्रीम कोर्ट क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग की अनुमति नहीं दे सकता है और ना ही रिजर्व बैंक के आदेश को पलट सकता है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
अहम बात यह है कि केंद्र सरकार नए प्रस्तावित बिल में क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा सकता है। इस बाबत वर्ष 2017 में एक कमेटी का केंद्र ने गठन किया था। इस कमेटी ने क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव दिया था। ऐसे में क्रिप्टो करेंसी के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सरकार सभी क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने का फैसला ले सकती है। इसके पीछे जो बड़ा तर्क है वह यह कि सरकार और बैंक करेंसी में अपने एकक्षत्र अधिकार को कतई नहीं खोना चाहेंगे। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही संसद में Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 को पेश कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार इस बिल में क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की बात कही गई है।