रूस ने भारतीय बाजार में खत्म की चीन की बादशाहत, आत्मनिर्भर बनने की ओर भारत
Russia Ends Chinese Supremacy in Indian Market: भारत के बाजार में चीन को सबसे बड़ी चुनौती रूस की ओर से मिल रही है। भारत में फर्टिलाइजर एक बहुत बड़ी जरूरत है और देश के किसानों के लिए यह किसी गोल्ड से कम नहीं है। ऐसे में पिछले काफी समय से चीन का अधिपत्य था, फर्टिलाइजर निर्यात के मामले में चीन भारत का सबसे बड़ा सहयोगी देश था, लेकिन अब चीन को रूस ने पीछे छोड़ दिया है। भारत के बाजार में अब रूस सर्वाधिक फर्टिलाइजर भारत को निर्यात कर रहा है। चीन पर अब भारत की निर्भरता फर्टिलाइजर के मामले में लगभग खत्म हो गई है। इसकी एक बड़ी वजह माना जा रहा है कि रूस का फर्टिलाइजर पर भारत को दिए जाने वाली छूट।
पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़ा रूसी आयात
पिछले कुछ सालों में भारत में फर्टिलाइजर आयात की बात करें तो वर्ष 2018-19 में चीन भारत को 28 फीसदी फर्टिलाइजर निर्यात करता था, जबकि रूस सिर्फ 8 फीसदी। 2019-20 में चीन 29 फीसदी और रूस 8 फीसदी। 2020-21 में चीन 21 फीसदी और रूस 10 फीसदी, 2021-22 में चीन 37 फीसदी और रूस 4 फीसदी। लेकिन 2022-23 में चीन का भारत में फर्टिलाइजर का निर्यात घटकर सिर्फ 15 फीसदी रह गया है जबकि चीन का निर्यात 22 फीसदी हो गया है।
चीन के अधिपत्य को रूस ने किया खत्म
जिस तरह से पिछले कुछ समय से रूस ने भारत को फर्टिलाइजर पर भारी छूट दी है उसकी वजह से भारत के बाजार में रूसी फर्टिलाइजर का निर्यात काफी बढ़ गया है। अहम बात यह है कि अभी आखिरी क्वार्टर के आंकड़े आने बाकी हैं, ऐसे में माना जा रहा है रूस के फर्टिलाइजर का आयात 30 फीसदी के पार जा सकता है और चीन का आयात 10 फीसदी से भी कम हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो चीन के फर्टिलाइजर पर भारत की निर्भरता तकरीबन खत्म हो जाएगी।
फर्टिलाइजर क्यों इतना जरूरी
फर्टिलाइजर
भारत
के
लिए
बहुत
बड़ी
जरूरत
है
क्योंकि
आम
लोगों
की
मौलिक
जरूरत
खाना
होता
है।
ऐसे
में
किसानों
को
बड़े
पैमाने
पर
खेती
के
लिए
फर्टिलाइजर
की
जरूरत
होती
है।
खेती
में
पोटैशियम,
नाइट्रोजन,
फास्फोरस
की
आवश्यकता
काफी
अधिक
होती
है,
जिससे
बड़े
स्तर
पर
खेती
की
जा
सके
और
पैदावार
को
बढ़ाकर
देश
की
खाद्य
जरूरतों
को
पूरा
किया
जा
सके।
भारत
जैसे
बड़े
देश
में
खेती
काफी
अहम
है।
चीन पर भारत की निर्भरता काफी अधिक थी
बता दें कि कई वर्षों तक भारत फर्टिलाइजर के लिए चीन पर निर्भर था। एक वक्त ऐसा भी आया था जब चीन ने कहा था कि हमारे यहां फर्टिलाइजर का उत्पादन कम हुआ है और इसकी चीन में किल्लत है, लिहाजा भारत में निर्यात कम हो सकता है। जिसके चलते देश में काफी संकट बढ़ गया था। भारत में किसानों को फर्टिलाइजर पर सब्सिडी दी जाती है। ऐसे में चीन के भीतर फर्टिलाइजर के उत्पादन की कमी से भारत की चिंता काफी बढ़ गई थी। लिहाजा भारत को चीन के समानांतर विकल्प तलाश करने की जरूरत थी।
सर्वाधिक कृषि योग्य भूमि अमेरिका के बाद भारत में
अहम बात यह है कि खेती योग्य भूमि की बात करें तो अमेरिका के बाद भारत इस लिस्ट में दूसरे पायदान पर आता। अमेरिका के बाद सर्वाधिक खेती योग्य जमीन भारत के पास ही है। अमेरिका में खेती योग्य कुल जमीन की बात करें तो यह 157736800 हेक्टेयर है, जबकि दूसरे पायदान पर भारत के पास 156067000 हेक्टेयर जमीन है। इस लिस्ट में तीसरे पायदान पर रूस, चौथे पायदान पर चीन आता है। बावजूद इसके भारत फर्टिलाइजर के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है।
पाकिस्तान में भारी किल्लत
फर्टिलाइजर की अहमियत की बात करें तो इसे हम पाकिस्तान के उदाहरण से समझ सकते हैं। पाकिस्तान में पिछले 3-4 सालों से फर्टिलाइजर की किल्लत चल रही है। पाकिस्तान की मीडिया में भी इस तरह की खबरें सामने आने लगी है कि पाकिस्तान फर्टिलाइजर की किल्लत की वजह से गेंहूं की आपूर्ति ना कर पाएं। पाकिस्तान को गेंहू को आयात करना पड़ता है। जबकि भारत गेंहू का निर्यात करता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि फर्टिलाइजर की किल्लत कितनी बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है।
पुतिन का मोदी को भरोसा
जिस तरह से भारत चीन पर फर्टिलाइजर के मामले में निर्भर था और चीन के साथ भारत के संबंध पिछले कुछ सालों से ठीक नहीं चल रहे थे, उसके बीच भारत के सामने यह बड़ी चुनौती थी कि चीन के विकल्प की तलाश की जाए। ऐसे मुश्किल समय में रूस ने भारत की ओर हाथ बढ़ाया और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भरोसा दिलाया कि वह फर्टिलाइजर की आपूर्ति करेंगे। भारत के इतिहास में पहली बार है जब रूस भारत को फर्टिलाइजर निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश बना है।
रूस ने काफी सस्ता फर्टिलाइजर निर्यात किया
दुनिया में फर्टिलाइजर की इस समय काफी किल्लत है, ऐसे में रूस ने ना सिर्फ भारत को फर्टिलाइजर निर्यात किया बल्कि काफी सस्ती कीमतों पर निर्यात किया। रूस के लिहाज से चीन से फर्टिलाइजर खरीदना सस्ता पड़ता था क्योंकि चीन भारत का पड़ोसी देश है। लेकिन रूस ने अपने फर्टिलाइजर के दाम कम करके भारत में भेजना शुरू किया जिसके चलते रूसी फर्टिलाइजर का निर्यात काफी तेजी से बढ़ा। जिस तरह से रूस तेजी से भारत को फर्टिलाइजर निर्यात बढ़ा रहा है, उसे देखते हुए माना जा सकता है कि जल्द ही चीन का फर्टिलाइजर भारत से तकरीबन खत्म हो सकता है।
भारत कब होगा आत्मनिर्भर
भारत का लक्ष्य है कि वह 2023 तक खुद को फर्टिलाइजर के मामले में आत्मनिर्भर बनाएगा। ऐसे में जबतक भारत इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर लेता है उसके लिए रूस काफी बड़ा सहयोगी देश बन सकता है। रूस से फर्टिलाइजर का आयात इसलिए भी काफी अहमित रखता है क्योंकि भारत और चीन के बीच रिश्ते कुछ खास नहीं हैं, ऐसे में अगर चीन फर्टिलाइजर का निर्यात भारत में रोकता है तो इसका कोई खास असर देश पर नहीं होगा क्योंकि रूस बड़ी मात्रा में भारत में फर्टिलाइजर का निर्यात कर रहा है।