कमजोर रुपए के बावजूद भारतीय कंपनियों की निगेटव क्रेडिट सीमित दायरे में: मूडीज
नई दिल्ली। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था और कमजोर रुपए का अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर को लेकर अपनी राय रखी है। मूडीज ने कहा है कि डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपए की वजह से बाहरी दवाब बढ़ने के बावजूद भारत की प्रमुख कंपनियों की निगेटिव क्रेडिट सीमित दायरे में रहेगी। मूडीज ने कहा कि रुपए में कमजोरी जैसे बाहरी दवाब के बावजूद भारत की गैर वित्तीय कंपनियों की रेटिंग पहले से सुधरती रहेगी।
मूडीज ने माना कि कमजोर रुपए की वजह से निगेटिव क्रेडिट सीमित दा.रे में रहेगा, क्योंकि भारतीय कंपनियों की सुरक्षा पहले से ही सुनिश्चित है। मूडीज के असिस्टेंट वाइस प्रेसिंडेंट के मुताबिक माइक्रो सेक्टर में परेशानियों के बावजूद अधिकतम भारतीय कंपनियों के राजस्व में बढ़ोतरी होती रहेगी। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक टेलिकम्यूनिकेशन सेक्टर में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद पूंजी खर्च में तेजी रहेगी।
Rupee’s depreciation against US dollar has limited negative credit implications for rated Indian corporates. Manageable refinancing risk for most rated corporates: Outlook for Indian non-financial corporates by Moody’s Investors Service
— ANI (@ANI) November 22, 2018
मूडीज के मुताबिक अगले एक साल में स्टील और ऑटटो सप्लाई सेक्टर में सुधार होगी। हालांकि किसी भी ऋण वित्त पोषित अधिग्रहण से लीवरेज का स्तर बढ़ेगा। रेटिंग एजेंसी ने तेल रिफाइनरी कंपनियों की पूंजी खर्च में भी तेजी के संकेत दिए।