RBI ने कहा, नहीं बता सकते कि शरिया बैंकिंग भारत में शुरू करने पर वित्त मंत्रालय क्या बोला
एक आरटीआई में भारतीय रिजर्व बैंक से शरिया बैंकिंग को लेकर एक सवाल पूछा गया था। सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1) (ग) के तहत RBI ने यह जानकारी देने से मना कर दिया है।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि भारत में शरिया बैंकिंग शुरू करने को लेकर वित्त मंत्रालय की तरफ से जो प्रतिक्रिया दी गई है, उसका खुलासा नहीं किया जा सकता है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक से आरटीआई के तहत उस सिफारिश की जानकारी मांगी गई थी, जो शरिया बैंकिंग को भारत में लाने को लेकर अंतर विभागीय समूह को भेजी गई थी। इसके जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि उस जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता है।
जब भारतीय रिजर्व बैंक से यह जानकारी मांगी गई तो बैंक ने वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) से इस बावत पूछा कि क्या सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत इस जानकारी का खुलासा करते हुए जवाब दिया जा सकता है? इस पर डीएफएस और सरकार ने सलाह दी कि सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1) (ग) के तहत हमें छूट है कि हम ये जानकारी नहीं दे सकते हैं। आपको बता दें कि यह आरटीआई समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा दायर की गई थी। ये भी पढ़ें- बदलेगी रेलवे की कैटरिंग पॉलिसी, अत्याधुनिक भोजनालयों में बनेगा खाना, फूड चेन करेंगे सप्लाई
केन्द्रीय बैंक की तरफ से आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि ये अनुच्छेद की धारा हमें जानकारी देने से रोकती है। जवाब में कहा गया है कि अगर यह जानकारी आरटीआई के तहत दी जाती है तो यह संसद के विशेषाधिकार और राज्य विधायिका का उल्लंघन होगा। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक देश में शरिया बैंकिंग शुरू करना चाहता है, ताकि धीरे-धीरे शरिया के अनुकूल या ब्याज मुक्त बैंकिंग लागू की जा सके। केन्द्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक शरिया बैंकिंग शुरू करने की संभावनाओं को काफी समय से तलाश रहे हैं, ताकि वह लोग भी वित्तीय समावेशन का हिस्सा बन सकें, जो धार्मिक कारणों से अब तक वित्तीय व्यवस्था से बाहर हैं।