वित्त वर्ष 2021-22 के लिए रेपो रेट रहेगा 4 प्रतिशत, RBI ने नहीं किया कोई बदलाव
नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने भारत की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया था, जिस वजह से पिछले साल दो तिमाही में जीडीपी माइनस में रही, हालांकि अब अनलॉक के साथ हालात सुधर रहे हैं। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2021-22 को लेकर मीडिया को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने बताया कि आरबीआई रेपो रेट में बदलाव नहीं करेगा, ये 4 प्रतिशत ही रहेगा। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 प्रतिशत है। इन दोनों में कोई बदलाव नहीं होने का मतलब है कि ग्राहकों की EMI ना घटेगी और ना ही बढ़ेगी।

आरबीआई गर्वनर ने कहा कि कोविड-19 मामलों में हाल ही में जो वृद्धि हुई है, उससे कई राज्यों में कड़े प्रतिबंध लागू हो रहे। इससे घरेलू विकास के दृष्टिकोण में अनिश्चितता जुड़ती है। हालांकि तमाम चुनौतियों के बाद भी 2021-22 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 10.5% पर बरकरार है।
शक्तिकांत दास ने बताया कि CPI मुद्रास्फीति के लिए प्रक्षेपण 2021 की चौथी तिमाही में 5 प्रतिशत, 2021-22 की पहली और दूसरी तिमाही में 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.1 प्रतिशत जोखिम के साथ मोटे तौर पर संतुलित है। इसके अलावा रिजर्व बैंक पर्याप्त तरलता के साथ बाजार का समर्थन करेगा।
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50,000 करोड़ रुपये की सहायता का ऐलान
वहीं वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में केंद्रीय बैंक एक लाख करोड़ रुपये का बॉन्ड खरीदेगा। इसमें सरकारी सिक्योरिटीज प्रोग्राम के तहत 25,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे जाएंगे। शक्तिकांत दास ने बताया कि टीएलटीआरओ ऑन टैप योजना को बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया गया है। साथ ही नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी को 50,000 करोड़ रुपये की सहायता देने का ऐलान भी किया गया।