प्याज मंडीः प्याज क्यों रुला रही महंगाई के आंसू
बेंगलोर। भाजपा की सरकार गठन होने के बाद अब महंगई डायन खाए जा रही है। प्याज तो महंगाई रुला रही है। दरअसल दिल्ली, इदौंर, चंडीगढ़ मुंबई जैसे शहरों में प्याज के दामों में उछाल आया है। जिससे आमजन महंगाई के आंसू रोने पर मबजबूर हो रहा है। माना जा रहा है कि प्याज के भाव में दुगुनी बढ़ोतरी हुई है। प्याज के दाम आठ रुपए प्रति किलो तक महंगे हो गए हैं। आपको बता दें कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि मुंबई में भी प्याज की थोक और खुदरा कीमत में करीब 10 रुपये का अंतर देखा जा रहा है।
जमाखौरी है मुख्य कारण?
सूत्रों के मुताबिक खबर है कि किसानों से प्याज 5-8 प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जा रहा है। जबकि इसकी कीमत खुदरा बाजार तक आते-आते अचानक बढ़ गई है। इसकी मुख्य वजह जमाखौरी और मंडियों का दूर होना है।
स्टॉक कम दिखाया जाता है?
बाजार में कई अढ़तिए किसानों में कम जागरुकता होने की वजह से खेत में ही जाकर बहुत कम दामों पर प्याज खरीद लेते हैं। और इनकी रणनीति होती है कि बाजार में माल पहुंचने से पहले....महंगई जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाए। जिसके बाद यह अढतिए यानि बिचोलिए हमेशा उसी राज्य के बाजा में प्याज को बेचते हैं जहां प्याज के उन्हें अच्छे और मौ टे दाम मिलने के आसार नजर आते हैं।
पिछले वर्ष हुआ था नुकसान
गत वर्ष प्याज के दामों में अत्यधिक उछाल देखा गया था। जिसकी वजह बीज का महंगा होना व अधिक अधिक लगातार बारिश में प्याज के भीगने से बड़ा नुकसान था। आपको बता दें कि दिल्ली जैसे बड़े शहरों में प्याज नासिक व राजस्थान के अलवर मंडी से भारी तादाद में प्याज बिकने के लिए आती है।