Alert! इस तरह OTP नंबर चोरी कर हैकर्स खाली कर रहे हैं आपका बैंक अकाउंट, रखें ये सावधानी
नई दिल्ली। ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ताजा मामला हैरान करने वाला है, जहां जालसाज आपके OTP नंबर की चोरी कर आपके बैंक अकाउंट में सेंधमारी कर रहे हैं। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान बैंकों की ओर से आपको OTP(वन टाइम पासवर्ड) नंबर भेजा जाता है, लेकिन हैकर्स बीच में इस इस नंबर की चोरी कर आपके बैंक खाते में सेंधमारी कर आपको लाखों का चूना लगा रहे हैं। ऐसी चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में कई इंजिनियर्स इस ओटीपी चोरी के शिकार बनकर अपना लाखों रुपया गंवा चुके हैं। हैरानी की बात तो ये है कि एक ओर ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी ओर अब तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
OTP नंबर चोरी का नया तरीका
ऑनलाइन ठगी करने वाले शातिर जालसाजों ने चोरी का नया तरीका निकाला है। ओटीपी नंबर चोरी कर वो आपके बैंक खाते को खाली कर सकते हैं। ओटीपी नंबर की चोरी के लिए वो दो तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले तरीके में जालसाज फोन पर खुद को बैंक का कर्मचारी बताकर आपसे OTP नंबर पूछ लेता है तो दूसरे तरीके में वो मैलवेयर का इस्तेमाल कर आपका OTP चोरी कर आपके खाते से पैसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता है।
ऐसे करते हैं आपके ओटीपी की चोरी
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक ओटीपी नंबर चोरी में जालसाज लोगों को फोन कर खुद को बैंक अधिकारी बताकर उन्हें उनके क्रेडिट/डेबिट कार्ड को रीन्यू या अपडेट करने की बात करता है। जैसे ही लोग उसके झांसे में आने लगते हैं वो उनसे उनका कार्ड नंबर और सीवीवी मांगता है।लोग बिना झिझक ये जानकारी दे देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि बिना OTP के वो कोई ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएगा। वो आपसे कहेगा कि उसे एक एसएमएस मिलेगा, जिसे वापस सेंडर को भेजना है। इन इनक्रिप्टेड SMS में एक लिंक होता है, जिसे क्लिक करते ही आपके फोन पर आने वाले सारे एसएमएस जालसाज के फोन पर ऑटोमेटिक ट्रांसफर हो जाते हैं। बस फिर क्या है हैकर्स आसानी से आपका ओटीपी अपने फोन नंबर पर हासिल कर लेता है और आपको लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है।
रखें ये सावधानियां
इस तरह के ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए बैंक हमेशा अपने ग्राहकों को अलर्ट करते रहते हैं। लोगों को बार-बार बताया जाता है कि वो अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड किसी को न दें। किसी से भी अपनी गोपनीय जानकारी न साझा करें। अपना फोन या सिम किसी को न दें, जिससे सिम की क्लोनिंग हो सके। ओटीपी नंबर बैंक वालों को पूछने की इजाजत नहीं है इसलिए किसी भी व्यक्ति को न दें। कोई आपसे अगर ये कबकर भी मांगे कि वो बैंक से बोल रहा है तो भी उसे ये जानकारी न दें, क्योंकि बैंक अधिकारी भी फोन पर या ईमेल पर आपसे आपके बैंक खाते या कार्ड की गोपनीय जानकारी नहीं मांग सकते हैं। ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त भरोसेमंद ब्राउजर पर बेवसाइट खोलें, ताकि आप हैकर्स से बच सके।