वित्त मंत्री को उम्मीद, भारत की GDP दोहरे अंकों में इसी वर्ष पहुंचेगी, मंदी की आशंका शून्य फीसद
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत जल्द ही दोहरे अंकों की विकास दर का लक्ष्य हासिल कर लेगा। indian economy sitharaman double digit gdp growth zero recession
नई दिल्ली, 04 सितंबर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) विकास दर दोहरे अंकों में पहुंचने की वृद्धि जताई है। उन्होंने कहा, भारत दूसरे देशों की तुलना में एक मजबूत स्थिति में है। वित्त मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सरकार लोगों की मदद भी कर रही है। भारत में मंदी की आशंका के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा, देश के मंदी में फिसलने की शून्य प्रतिशत आशंका है।
देश मंदी के कगार पर नहीं
शनिवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, वित्त मंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर के अनुमान से जुड़ी रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें दोहरे अंकों की विकास दर की उम्मीद है। बकौल निर्मला सीतारमण सरकार डबल डिजिट ग्रोथ रेट हासिल करने की दिशा में काम करेगी... इसलिए यदि देश मंदी के कगार पर नहीं है, तो इससे यह विश्वास भी मजबूत होता है कि यदि सरकार उन वर्गों के संदर्भ में लगातार उत्तरदायी है, जिन्हें मदद की जरूरत है, तो अर्थव्यवस्था को जरूरी प्रोत्साहन मिलेगा।
भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था !
क्या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) इस वित्त वर्ष में दोहरे अंकों में पहुंचने की उम्मीद है ? इस सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार के हालिया आंकड़ों से संकेत मिलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश ने सकल घरेलू उत्पाद में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। एक साल पहले यह 20.1 फीसदी था। सीतारमण ने कहा कि कुछ लोग तर्क दे सकते हैं कि उच्च विकास दर कम आधार के कारण है। हालांकि, 'हम जिन अर्थव्यवस्थाओं की बात कर रहे हैं, उनकी तुलना में हम अच्छी स्थिति में हैं।' उन्होंने कहा कि भारत सचमुच सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
Freebies पर क्या बोलीं वित्त मंत्री
विश्व बैंक और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस तथ्य को भी ध्यान में रख रही हैं कि जो अर्थव्यवस्थाएं भारत से कहीं अधिक विकसित हैं और देश के साथ तुलनीय हैं, वे मंदी की कगार पर हैं। Freebies यानी मुफ्त में दी जाने वाली चीजों के बारे में एक अन्य सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर बहस में सभी को भाग लेना चाहिए। हमें चर्चा का एक पक्ष बनना चाहिए, क्योंकि अगर आप कुछ मुफ्त में दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि कोई न कोई इसके लिए भुगतान कर रहा है।
राज्यों की उधार सीमा
वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि सत्ता में आने के बाद किसी भी सरकार को कर राजस्व और अन्य मुद्दों के संदर्भ में अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुफ्त चीजें बांटने से पहले पर्याप्त राजस्व का प्रावधान भी करना चाहिए। राज्यों के लिए राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (FRBM) अधिनियम की सीमा पर, केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि COVID-19 के दौरान, कुछ शर्तों के साथ राज्यों की उधार सीमा 3 प्रतिशत से बढ़ाकर लगभग 5 प्रतिशत की गई थी। इसका मकसद था कि सुधारों का कार्यान्वयन किया जा सके।
केंद्र ने राज्यों से लिया परामर्श
बकौल वित्त मंत्री सीतारमण, शर्तें बिना समझे लागू नहीं की गईं। एफआरबीएम सीमाएं बहुत स्पष्ट हैं और इसका लक्ष्य कुछ सुधारों के उद्देश्यों को प्राप्त करना था। उन्होंने कहा कि केंद्र ने लॉकडाउन के समय और लॉकडाउन के बाद जरूरतों को समझा और राज्यों के परामर्श से उधार की सीमा बढ़ाई गई।
तेलंगाना में अधिकारी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही
गौरतलब है कि तेलंगाना सरकार ने हाल के दिनों में केंद्र पर अपनी उधारी सीमा में कटौती करने का आरोप लगाया है। सब्सिडी वाले चावल पर केंद्र और राज्य के हिस्से के बारे में जवाब देने में विफल रहने वाली एक जिला कलेक्टर के प्रति उनकी नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि एक जन प्रतिनिधि के रूप में उनके पास अधिकारी से सवाल करने का पूरा 'अधिकार' है। उन्होंने कहा कि अधिकारी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक, असंसदीय शब्द या अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया।
KCR के मंत्रियों के बेतुके बयान
तेलंगाना के कुछ मंत्रियों ने कहा है कि राज्य ने केंद्र को जितना राजस्व दिया है, केंद्र से राज्य को उससे कम मिला है। इस पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'यह केंद्र और राज्यों के बीच मुद्दों को संभालने का एक बहुत ही पीछे धकेलने वाला (regressive) तरीका है। उन्होंने कहा, '...मुझे लगता है यह बेतुका है।' वित्त मंत्री ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने 2020-21 तक कई केंद्रीय योजनाओं में भाग नहीं लिया। बाद में राज्य सरकार कुछ योजनाओं में शामिल हो गई।