सरकार की फ्रॉड करदाताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 2 महीने में 1.63 लाख GST रजिस्ट्रेशन रद्द
नई दिल्ली। कर अधिकारियों ने रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली इकाइयों (कंपनियों) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने अक्टूबर और नवंबर के महीने में फर्जी फर्मों, फ्लाई-बाय-नाइट ऑपरेटरों और परिपत्र व्यापार संस्थाओं जैसे 1.63 लाख उद्यमियों के जीएसटी पंजीकरण को रद्द कर दिया है। राजस्व विभाग (डीओआर) ने बताया कि इन संस्थाओं ने छह महीने से अधिक समय तक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया था। इसके अलावा ऐसे करदाताओं की भी पहचान की गई है जिन्होंने पिछले छह माह से दिसंबर तक रिटर्न फाइल नहीं किया है।
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मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक रातों-रात मुनाफा कमाने वाली कंपनियों, फर्जी उद्योग और कारोबार में हेरफेर करने वाले नकली कारोबारियों से निपटने के लिए सरकार ने इतना बड़ा कदम उठाया है। देशभर में इस तरह के उद्योंगे के 1,63,042 जीएसटी पंजीकरण के निरस्त कर दिया गया है। बता दें कि यह कार्रवाई अक्टूबर और नवंबर तक रिटर्न फाइल नहीं करने वाले उद्यमियों के खिलाफ की गई है। इन जीएसटी धारकों ने पिछले छह महीने से जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल नहीं किया था।
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इस बीच, जीएसटी फर्जी चालान धोखाधड़ी के खिलाफ नवंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू किए गए अपने राष्ट्रव्यापी अभियान के एक महीने के भीतर, जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशालय (डीजीजीआई) और सीजीएसटी आयुक्तों ने अब तक 132 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इनमें चार चार्टर्ड एकाउंटेंट और एक महिला शामिल हैं। ये लोग धोखाधड़ी के जरिए अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) प्राप्त किया अथवा बिल पारित करा रहे थे। इसके अलावा देशभर में 4,586 फर्जी जीएसटीआईएन (GSTIN) इकाइयों के खिलाफ 1,430 मामले दर्ज किए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि चौथे चार्टर्ड अकाउंटेंट अक्षय जैन को माल की आपूर्ति के बिना 14 फर्जी फर्म बनाकर सीमेंट के चालान पर 20.97 करोड़ रुपए की नकली आईटीसी जारी करने के आरोप में विशाखापत्तनम से गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में जांच जारी है।