दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया ब्रिटेनिया को डाइजेस्टिव बिस्किट बाजार से हटाने का आदेश
नई दिल्ली। बिस्किट को लेकर दो कंपनियों के बीच छिड़े विवाद के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम फैसला देते हुए ब्रिटेनिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड को अपने बिस्किट न्यूट्रीच्वाइस जीरो को बाजार से हटाने का निर्देश दिया है। इस फैसले से आईटीसी लिमिटेड को राहत मिली है।
न्यूट्रीच्वाइस बिस्किट के अपने बचे हुए स्टॉक को बाजार से वापस ले
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस मुरलीधर ने कहा कि ब्रिटेनिया को चार सप्ताह की मोहलत दी जाती है कि वो न्यूट्रीच्वाइस बिस्किट के अपने बचे हुए स्टॉक को बाजार से वापस ले।
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आईटीसी और ब्रिटेनिया के बीच बिस्किट ब्रांड के कॉपीराइट को लेकर विवाद था। आईटीसी ने दावा किया था कि ब्रिटेनिया के न्यूट्रीच्वाइस जीरो डाइजेस्टिव आॅल गुड बिस्किट की पैकेजिंग को आईटीसी के सनफीस्ट फॉर्मलाइट डाइजेस्टिव आॅल गुड बिस्किट की पैकेजिंग से कॉपी किया गया है। दोनों ही बिस्किट को बाजार में नीले और पीले रंग की पैकेजिंग में बेचा जाता है।
पीले रंग की पैकेजिंग को बदलने से उसने मना कर दिया
शुरूआत में ब्रिटेनिया अपने बिस्किट के नीले रंग वाली पैकेजिंग को बदलने के लिए तैयार था पर पीले रंग की पैकेजिंग को बदलने से उसने मना कर दिया था। ब्रिटेनिया ने कोर्ट को बताया था कि पीले रंग की पैकेजिंग को डाइजेस्टिव बिस्किट के लिए प्रयोग किया जाता है और इसको बदला नहीं जा सकता है।
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ब्रिटेनिया ने यह भी बताया कि डाइजेस्टिव बिस्किट के क्षेत्र में ब्रिटेनिया की हिस्सेदारी 66 फीसदी है और वो दूसरों से काफी आगे है। साथ ही उसने एक काउंटर याचिका दाखिल करते हुए कहा कि 1 सिंतबर से आईटीसी ने पीले रंग की पैकेजिंग इस बिस्किट ब्रांड के लिए प्रयोग करनी शुरू की है।