...पति के तलाक पाने का ये पैंतरा भी फेल, पत्नी के HIV पॉजिटिव होने का दावा निकला झूठा!
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक तलाक की याचिका खारिज कर दी। दरअसल, अपनी पत्नी से पति तलाक की मांग कर रहा था। इसको लेकर उसने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी।
Divorce plea dismissed in Bombay HC: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक तलाक की याचिका खारिज कर दी। दरअसल, अपनी पत्नी से पति तलाक की मांग कर रहा था। इसको लेकर उसने हाईकोर्ट याचिका में एक दाखिल की थी। लेकिन अदालत की पुणे खंडपीठ ये याचिका खारिज कर दी। दरअसल, याचिकाकर्ता अपना दावा साबित नहीं कर पाया।
पत्नी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप
याचिकाकर्ता की शादी 16 मार्च, 2003 को हुई थी। शादी के बाद उनने अपनी पत्नी को लेकर अब कोर्ट में अजीब दावा किया। जिसमें उसने कहा कि उसकी पत्नी पत्नी क्षय रोग से पीड़ित थी। पति ने आगे दावा किया कि पत्नी सनकी, गुस्सैल और जिद्दी स्वभाव की है। जिसके चलते अक्सर वो अपने परिवार के सदस्यों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं करती थी। पति ने दावा किया कि उसके और उसकी पत्नी के बीच लगातार झगड़े होते रहते थे जिसके कारण वह मानसिक रूप से प्रताड़ित होता था।
पति ने लगाया HIV पॉजिटिव होने का आरोप
पति ने लगाया HIV पॉजिटिव होने का आरोपशख्स ने कोर्ट को बताया कि दिसंबर 2004 में उसकी पत्नी को 'हरपीज' होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उसका एचआईवी टेस्ट पॉजिटिव निकला। इसके बाद फरवरी 2005 में पत्नी कथित तौर पर घर छोड़कर चली गई। शख्स ने कोर्ट को बताया कि जब उसकी पत्नी ठीक हो गई तो वह उसे वापस ससुराल ले गया। लेकिन वो पत्नी के वापसी से मानसिक रुप से तनाव में था। इसलिए उसने अपनी पत्नी को अपने माता-पिता के घर वापस जाने के लिए कहा।
शादी खत्म करने का लिया फैसला
शख्स ने बताया कि दो महीने बाद उसे उसकी पत्नी फिर से बीमार हो गई। व्यक्ति ने दावा किया कि एक डॉक्टर ने उसे बताया कि उसकी पत्नी अभी भी एचआईवी से पीड़ित है। जिसके बाद उनसे पत्नी से तलाक लेकर शादी को हमेशा के लिए खत्म करने का निर्णय लिया।
पत्नी ने दी चुनौती
पति के आरोप के बाद पत्नी ने कोर्ट में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया। उसने कहा कि उसका एचआईवी टेस्ट पॉजिटिव नहीं आया था। इसके बावजूद पति उसे एचआईवी पॉजिटिव बता रहा है। पति के अफवाहों के कारण उसे मानसिक पीड़ा होने के साथ समाजिक जीवन भी बर्बाद हो गया। मामले में महिला ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत याचिका दायर कर 5 लाख रुपये का हर्जाना और पुणे में 1-बीएचके फ्लैट के आवास की मांग की है।
कोर्ट ने पति की याचिका की खारिज
बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस नितिन जामदार और शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने कहा कि पति अपने साथ हुई किसी भी विशिष्ट घटना का विवरण देने में विफल रहा है। एचआईवी रिपोर्ट के मुद्दे पर पीठ ने मेडिकल रिपोर्ट और पुणे परिवार अदालत के समक्ष डॉक्टर के बयान को देखा। जिससे ये स्पष्ट था की महिला एचआईवी से पीड़ित नहीं थी। ऐसे में कोर्ट ने यह कहते हुए कि अपनी गलतियों का फायदा उठाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, याचिका खारिज कर दी।
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