इस शख्स को 'हनुमान' की तरह मानते हैं बंदर, देखिए तस्वीरें
नई दिल्ली। बंदर को देखकर हम में से अधिकांश लोग भाग खड़े होते हैं, लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जो बंदरों का दोस्त है। वो उनके साथ ही काता है, उनके साथ ही रहता है और बंदरों के लिए दूसरों से खाना भी मांगता है। यी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के रायबरेली के कृष्ण कुमार मिश्रा की। कृष्ण कुमार मिश्रा अपने हाथों ने बंदरों के झुंड को खाना खिलाते हैं, उसे प्यार से दुलार करते हैं और तो और बंदरों के लिए अपनी पत्नी से लड़कर रोटियां भी सेेंकते हैं।
बंदरों के मसीहा
कृष्ण
पिछले
4
दशको
से
बंदरों
की
सेवा
करते
आ
रहे
हैं।
उनका
कहना
है
कि
वो
दुनियाभर
में
प्यार
और
मानवता
फैलना
चाहते
हैं।
उनके
लिए
बंदरों
की
सेवा
का
मकसद
उन
जानवरों
की
सेवा
करना
है,
जिन्हें
अपने
लिए
खाने
की
तलाश
में
काफी
मश्कत
करनी
पड़ती
है।
हजारों
की
तादात
में
बंदरों
का
झुंड
उनके
ऊपर
टूट
पड़ता
है।
जैसी
ही
कृष्ण
कुमार
हाथों
में
ब्रेड
की
थैलियां
लेकर
वहां
पहुंचते
हैं
बंदरों
का
पूरा
झुंड
उनपर
टूट
पड़ता
है।
एक
वक्त
तो
ऐसा
आता
है
जब
वो
पूरी
तरह
से
बंदरों
से
ढ़ंक
जाते
हैं।
दूसरों से मांग-मांग बंदरों को खिलाते हैं खाना
79
साल
के
कृष्ण
कुमार
बंदरों
को
खाना
खिलाने
के
लिए
लोगों
से
और
होटलों
से
बचा
हुआ
खाना
मांगते
हैं।
उन्हें
खाने
की
तलाश
में
घूमना
पड़ता
है।
कई
लोग
खुद
आगे
आकर
उनतक
खाना
पहुंचाते
हैं।
देश-विदेश
से
लोग
उन्हें
डोनेशन
देते
हैं,
ताकि
वो
बंदरों
को
खाना
खिला
सके,
लेकिन
कई
बार
ऐसा
भी
होता
है
जब
उन्हें
बंदरों
के
लिए
खाना
नहीं
मिल
पाता।
ऐसे
में
वो
खुद
रोटिंग
बनाकर
उन्हें
खिलाते
हैं।
पत्नी इस काम से नाराज
कृष्ण
कुमार
कहते
हैं
कि
उनकी
पत्नी
उनके
इस
काम
से
नाराज
रहती
है,
लेकिन
उनकी
बेटियां
इस
काम
में
उनकी
मदद
करती
है।
उन्हें
बंदरों
को
इस
तरह
से
खाना
खिलाना
आनंद
की
अनुभूति
करवाता
है।
वो
पिछले
4
सालों
से
गलियों
में
घूम-घूमकर
लोगों
ने
उनके
घर
का
बचा
खाना
मांगते
हैं
और
फिर
उन्हें
इक्ट्ठा
करके
बंदरों
तक
पहुंचाते
हैं।