छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भूपेश सरकार को झटका, झीरमघाटी जांच आयोग के कामकाज पर रोक
बिलासपुर, 11 मई। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड मामले की जांच को लेकर हाईकोर्ट से एक बड़ी अपडेट मिल रही है। बिलासपुर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने झीरमघाटी नक्सल हमले की जाँच के लिए राज्य शासन की तरफ से गठित दो सदस्यीय जांच आयोग के कामकाज पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत ने इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार को रिपोर्ट पेश करने के लिए नोटिस भी जारी किया है। याचिकाकर्ता ने भूपेश बघेल सरकार की तरफ से झीरमघाटी नक्सल घटना के संबंध में गठित जांच आयोग की वैधानिता पर भी सवाल उठाते हुए तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं के आधार पर चुनौती दी थी।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक की याचिका पर हुई सुनवाई
गौरतलब है कि राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने झीरम घाटी हत्याकांड की नए सिरे से जांच के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की तरफ गठित दो सदस्यीय जांच आयोग की वैधानिकता को चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग की जांच रिपोर्ट को छत्तीसगढ़ शासन ने अभी तक विधानसभा के पटल पर नहीं रखा है और ना ही उस पर चर्चा हुई है।
जांच आयोग की वैधानिकता पर उठाये गए सवाल
जांच आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखे बिना ही नए आयोग का गठन कर दिया है, इसलिए कौशिक ने आयोग गठन की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए इसे निरस्त करने की मांग की थी। याचिका में बताया गया है कि झीरम घाटी नक्सल घटना के तुरंत बाद तत्कालीन सरकार ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अगुवाई में जांच आयोग बनाया था, जिसके तहत आठ साल तक सुनवाई होने के बाद रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी गई है, इसलिए नियमों के मुताबिक आयोग की तरफ से रिपोर्ट सौंपने के छह माह के अंदर छत्तीसगढ़ सरकार को विधानसभा के पटल पर रखना चाहिए।
झीरम की जांच भी होगी, सच भी सामने आयेगा: सुशील आनंद शुक्ला
छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भूपेश बघेल सरकार के द्वारा गठित किये गये झीरम न्यायिक जांच आयोग पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट गये थे। अदालत ने आगामी सुनवाई तक आयोग पर रोक लगाई है। आयोग के गठन के खिलाफ कोई निर्णय नहीं दिया है। अगली सुनवाई को सरकारी वकील विधिवेत्ता सरकार का पक्ष अदालत के सामने रखेंगे। हमें पूरा भरोसा है हाईकोर्ट झीरमघाटी की जांच को आगे जारी रखने का आदेश देगा और झीरम का पूरा सच जरूर सामने आयेगा।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अदालत में पेश किये गये नेता प्रतिपक्ष के तथ्यों का जवाब अदालत में दिया जायेगा। लेकिन जिस प्रकार से बीजेपी झीरम की जांच रोकने का षडयंत्र कर रही है। उससे यह बड़ा प्रश्न खड़ा हो रहा कि भाजपा झीरमघाटी की जांच क्यों नहीं होने देना चाहती? ऐसा क्या भी है जो बार-बार झीरम की जांच में भाजपा के तरफ से अडंगे लगाये जाते हैं।
सीएम भूपेश बघेल कुर्सी छोड़ें: डॉ. रमन
इधर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि यदि सीएम भूपेश बघेल में जरा सी भी नैतिकता बाकी है तो उन्हें झीरम मामले में मुंह की खाने के बाद कुर्सी छोड़कर किसी दूसरे नेता को जनता से किये गए वादे पूरे करने का मौका देना चाहिए, जो इस लायक हो। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि झीरमघाटी कांड की जांच के लिए नए आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने का हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश भूपेश बघेल सरकार के लिए बड़ा झटका है।
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से झीरम मामले में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गठित नए आयोग की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि पुराने आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक किये बिना ही भूपेश सरकार ने नया आयोग बना दिया था। रमन सिंह ने सवाल किया है कि कांग्रेस सरकार आखिर किसे बचाने की कोशिश कर रही है।
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